पेज

"कनाडा यात्रा "A travel to CANADA Dr O P Vyas

श्रीमति कृष्ण व्यास एवं  डॉ . ओ .पी .व्यास गुना म .प्र. 

मेरी 
"कनाडा यात्रा "




A travel to CANADA 






10 दिसम्बर 2010 आया अपने जीवन का ग्रेट | 
इंतजार इसका किया कितना किया था वेट || [1] 
किंग फिशेर एक पखेरू ,है समुद्र का सुन्दर | 
उसी नाम का था जहाज[एरोप्लेन]हम बैठे उसके अन्दर||[2] 
वह किंग फिशर  ले हमें उड़ा,फिर देल्ली [डेल्ही ] की और |
घंटे मैं इंदौर से पहुँच गए इस छोर || [3] 
हमको जाना कनाडा जो धरती के उस और| 
जहाँ लगी है प्रेम की हम सब की ही डोर || [ 4] 
जहाँ हमारी प्रेरणा और बसे बकुलेश |

प्यारी बिटिया अनन्या और अर्नव उस देश || [5] 
प्यारी बहु विभूति इधर प्यारा इधर अनूप |
 प्यारा अनुभव भी इधर ,सबका मन मैं रूप || [ 6 ] 
आये छोड़ने एरोड्रम पर वे दोनों इंदौर | 
बार बार मन मैं टेंशन था, था चिंता का दौर || [7 ] 
  प्रभू  ने कर दिया सब कुछ बड़ा सरल | 
महा देव ज्यों पि गए, दुःख का सबी गरल [Poison] || 8|| 
 इंदिरा गाँधी एरोड्रम भी कितना बड़ा विशाल |
फैला हुआ कितना बड़ा जहाँ जहाजों का जाल  || [9] 
बड़े बड़े गलियारे जिन मैं चलते जाते रोलर | 
क्षण भर मैं पहुंचा देते हैं ज्यों वालों को बोलर || [10 ]] 
चलती फिरती सीडिया खुलते अपने आप हैं,जाते | 
ज्यादा देर तक कभी किसी को करना पड़े न वेट || [11] 
बोर्डिंग पास ,इमिग्रेशन और हुआ सिक्यूरिटी चेक |
 व्हील चीरों ने किया सब कुछ भाईट ब्लैक || [१२] 
और रात के पाने दो बजे[1--45 AM]आ गई,आखिर कर वो घडी | 
जिस की प्रतीक्षा सभी को रही बहुत ही बड़ी ||[13 ] 
हम बैठ गए विमान मैं था वो एयर इंडिया जेट | 
परमात्मा की कृपा से जग गया लो फेथ || [14] 
लगातार उड़ते रहे फिर 17 घंटे [17 Hours ] साथ | 
पता चला ही नहीं कुछ कब दिन था कब रात || [15] 
बार बार खाना मिला बार बार स्नेक्स |
 क्षण मैं मानो पहुँच गए ज्यों जाता है,फेक्स || [16] 
टोरंटो [कनाडा] है शहर बड़ा सात समंदर पार | 
पहुँच गए उड़ कर हम दोनों अपने परियों के द्वार || [17] 
निचे छुते बीच मैं इस्लामाबाद,रूस आदि कई देश |
 अटलांटिक महासागर,अंटार्टिका,हडसन खाड़ी हुए बीच मैं पेश||[18] 
और आखिर मैं कनाडा मैं जब बजे घडी मैं आठ,
 एयर इंडिया शान से उतरा दिखता ठाट || [19] 
और फिर सीढियाँ , घूमतीं और गलियारे चले घूम | 
और फिर तो लिफ्ट से शीघ्र ही लिया गंतव्यको चूम||[20] 
चैकिंग कस्टम ने किया ,भरा ट्रेवलर फॉर्म | 
अन्दर कहीं न ठण्ड थी सब कुछ ही था वर्म ||[2 1] 
फिर रोलर से कर लिया अपना सामान कलेक्ट | 
दो दो डोल्लर मैं किये ट्रोलीर हमने सेलेक्ट || [ 22 ] 
फिर बहार को चल दिए ले अपना सामान | 
बहार खड़े बकुलेश जी मानो अपनी जान || [ 23 ] 
ट्रोली ले कर चल दिए फिर बहार की और | 
अपने आप खुलने लगे सरे ही थे दूर || [ 24 ] 
बाहर बड़ा सा पार्किंग चारों तरफ थीं कार | 
कहीं एक भी न आदमी कहने का ये सार || [ 25 ] 
सभी जगह रोबोट थे,वे ही करते चेक | 
ऑटो पे करते रहो हटें सभी हैं जैक [obstacles || [26 ] 
श्री बकुलेश जी की कार भी कितनी बड़ी विशाल |
 टेक्नोलाजी का बड़ा कितना बड़ा कमाल || [27] 
मार्ग बताने के लिए रहा पास मैं यन्त्र [G.P.S.] | 
जादू नगरी मैं वाही सरल कर रहा मंत्र || [28] 
अपने अपने मार्ग के हट ते थे अवरोध | 
सभी कायदे से बंधे कोई न प्रतिरोध || [28] 
सब ही थे कानून के सच्चे सब पालक | 
अपनी अपनी लेन के सब वहां चालक || [29] 
कहीं दिखा न एक भी संतरी और सिपाही [Traffic man ] |
 पैदल चलता दिखा न कहीं कोई राही || [30] 
जिधर देखिये उधर ही सर्र सर्र करें | 
एक दुसरे से दूर चलें हैं न टक्कर मारें || [31] 


और आखिर को आ गए ब्राम्पटन अपने घर |
अनन्या,अर्णव प्रेरणा रहे प्रतीक्षा कर||[32] 
हलकी हलकी स्नो बारिश मोसम बहुत ही सुन्दर | 
थोड़ी देर मैं सारे ही हम थे मकान के अन्दर || [33] 
खुल जाता रिमोट से ही है गेरेज का गेट | 
न ही कोई हेल्पर न ही किसी की वेट ||[ 34 ] 
चारोँ तरफ बने हुए हैं टीक वूड के ही मकान | 
हर मकान मैं लगा है हीटिंग सिस्टम सामान ||[ 35 ] 
लगता कहीं भी है नहीं ,कहीं दिखे न शीत [cold] | 
कोई कहीं न आदमी न कोई बातचीत || [36] 
लैपटॉप ,टी .वी., कैमरे, इन मैं ही सब व्यस्त |
 अलग तरह की है ये दुनिया, सब के सब ही मस्त || [37] 
घर मैं आकर मिल गए अपने प्यारे लोग [People] |
बिटिया रानी अनन्या से आया मिलन का योग|| [38] 
धन्य वाद श्री राम का ,धन्य वाद हनुमान |
 धन्य वाद श्री कृष्ण जी ,धन्य हे शिव भगवन || 39] 
कहीं कोई भी हुई न थोड़ी भी तकलीफ | 
निकले पड़ी हैं वृक्ष(tree) से मानो सुन्दर लीफ ||[40] 
मैं और मेरी वाइफ श्रीमती कृष्णा व्यास | 
काट रहे हैं मजे मैं जीवन के , ये दिन खास || [ 41 ] 
विंटर मैं सब झड जाते हैं वृक्षों (trees) के सब पत्ते  | 
गर्म वूलन पहने हुए ,यहाँ पर सब कपडे लत्ते || [ 42 ] 
बने हुए माकन मैं कई सुन्दर बात रूम | 
नालों मैं पानी गर्म और ठंडा 24 घंटे धूम || [43 ] 
एक तरफ टोंटी करने से आता शीतल जल| 
टर्न दूसरी और करें तो आता गरम है जल || [ 44 ] 
और कुनकुना पानी बीच मैं ,करें टोंटी यदि टर्न | 
और पूरी एकोर यदि कर दें अत शीतल है रिटर्न || [45] 
सभी लोग रहें प्रेम से ब्यूटीफुल है अर्थ | 
इसको सुन्दर ही रखें यही है पहली शर्त  || [46] 
फ़ोटो खिंचवा रही है बेटी हमारी अनन्या | 
चिरंजीव अर्णव खींचता ,बड़ी हो कर बने सुकन्या || [47] 
परमात्मा की कृपा का मिल गया हमें प्रसाद |
जीवन के सारे मिटे पल मैं हैं अवसाद [sorrow ness]||[48] 
धन्य वाद भगवन का सब खुशियाँ दिन दल | 
ऊपर वाले ने किया कैसा आज कमाल || [49] 
कविता  लिखने की पड़ी आज "व्यास " को आदत | 
हम छोटे से जीव  हैं श्री राम करेंगे हिफाजत || [50] 
चारों और जहाँ भी देखें हम जिस भी हैं तरफ | 
हमें नजर बस आ रही केवल बरफ ही बरफ || [51] 


|| डॉ . ओ .पी .व्यास गुना म .प्र. इंडिया 
EMail Address ===dropvyaspoet@gmail.com || 
POETRY by DR.O.P.VYAS Nai Sadak GUNA M.P. From BRAMPTION ONTARIO CANADA 9/01/2011 Sunday 




===============================




इस साईट पर उपलब्ध लेखों में विचार के लिए लेखक/प्रस्तुतकर्ता स्वयं जिम्मेदार हे| इसका कोई भी प्रकाशन समाज हित में किया जा रहा हे|सभी समाज जनों से सुझाव/सहायता की अपेक्षा हे|