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समस्याओ के परिप्रेक्ष में--


समस्याओ के परिप्रेक्ष में !                         डॉ मधु सूदन व्यास 
    महोदय ,                                                                          Date 08/05/2012
     औदीच्य बन्धु पत्रिका मई २०१२ के सम्पादकीय में श्री ओम ठाकुर जी की सम्पादकीय लेख वर्तमान में उनके ऊपर पड़ रहे दबाव को प्रदर्शित कर रहा हे| पिछले कुछ वर्षो में समाजिक गतिविधियों ने बड़ी ही तेजी पकड़ी हे | इसमें निश्चय ही अध्यक्ष श्री रघुनन्दन जी शर्मा का किया गया महासभा  का विकेन्द्रीय करण एक बड़ा कारण हे | समाज  के धरातल से जुड़े हुए व्यक्तियों ने भी  कभी भी इससे पूर्व स्वयं  को समाज के प्रति इतना प्रतिबद्ध  नहीं पाया था|   यह निश्चय ही समाज के लिए एक बहुत बड़ी सुखद घडी हे, जब सभी मिलकर कुछ न कुछ कर रहे या सोच रहे हें| इससे अपेक्षाए बड गई हें, परन्तु उन अपेक्षाओ के प्रति एक निश्चित पुरानी सामान्य राह पर चलती सम्पादकीय टीम उन अपेक्षाओ के अनुरूप साथ नहीं दे पा रही हे| सीधे सीधे कहा जाये तो टीम नई गति के अनुरूप दोड़ने में असमर्थ सिद्ध हो रही हे| सम्पादकीय टीम के वरिष्ट और सक्रीय एवं समर्पित आदरणीय श्री  सुशिल कुमार जी ठाकर इस आयु में भी पूरा कार्य करने के लिए मजबूर हें| श्री ओम जी भी अपने स्वास्थ के कारण मजबूर हो रहे हें|  टीम में  समर्पित एवं कुशल व्यक्ति का मिल पाना भी दुष्कर कार्य हो रहा हे| मिलेगा  भी  तो वह पूर्वाग्रह से ग्रस्त यदि हुआ--- ?
     किसी भी एसी पत्रिका जिसमें आर्थिक लाभ न हो का प्रकाशन  एक काँटों का ताज पहिनने जेसा ही हे| जो दूर से तो बड़ा दीखता हे पर इसको जो भोगता हे वह ही जानता हे| उसकी गति साप-छछुन्दर, की गति जेसा ही हे जो न छोड़ते बनता हे न पकड़ कर रखा जा सकता हे|  इस ताज को  पाने की इच्छा रखने वाले, येनकेन प्रकारेण मीन-मेख निकालकर कर दवाब बनाते रहते हे| इतिहास हमको यह बताता हे की इस प्रकार के लोगों की पोल भी जल्दी ही खुल जाती हे| 
    मेरी बात संभव हे उन सब ऐसे महानुभावो  को बुरी लग सकती हे | पर मेरा आग्रह हे की जब हम समाज के लिए वास्तव में कुछ करना चाहते हे तो हमको अपने पुर्वाग्रह छोड़कर स्वास्थ मन से विचार करें | कुशल और सक्षम व्यक्तियों को टीम में जोड़े | हमारे  समाज में इस प्रकार के कर्मठ व्यक्तियों की कोई कमी नहीं हे बस हमको क्षेत्रीयता को छोड़कर बाहर भी  निकलना होगा| दिल बड़ा करना होगा जिसमे पूरा समाज समां सके | 
     इन सभी समस्याओ एवं अपेक्षाओं  को पूरा करने में आधुनिक कम्पुटर/ईमेल एवं इलेक्ट्रोनिक क्षमताओं को और इसमें दक्ष व्यक्तियों का सहयोग हेतु  भी जोड़ना होगा | इन व्यवस्थाओं  और तकनिकी की सहायता से समाचार/संवाद/और अन्य सभी जानकारी इसके माध्यम से आदान प्रदान की एक देश स्तरीय नेटवर्क का गठन भी करना होगा|  वर्तमान में हम तीब्र संचार के साधनों का प्रयोग नहीं कर पाना भी इन समस्याओ का मूल हे | 
    हमें हर जिला एवं तहसील स्तर पर सक्षम संवाद दाता जेसा माध्यम बनाना होगा| 
    वर्तमान में पत्रिका वितरण व्यवस्था ठीक नहीं होने के कारण औदीच्य बन्धु पत्रिका, नहीं /या समय पर न पहुच पाने से  जो अव्यवस्था हो रही हे उसे सुधारने के लिए सार्थक प्रयत्न चाहिए  | मेरा सुझाव हे की वर्तमान में जब की महासभा का विकेंद्र्यकरण से सभी जगह पदाधिकारी उपलब्ध हें वे अपने क्षेत्र की पत्रिकाए एक साथ प्राप्त कर अपने क्षेत्र में प्रतिमाह बाँट देवे | इससे जहाँ पत्रिका मिलना निश्चित हो जायेगा वहीँ प्रति बार मिलते रहने का अवसर भी मिलेगा,जो संगठन के लिए लाभकारी सिद्ध होगा| इस नई  व्यवस्था के साथ साथ पूर्व व्यवस्था भी चलती रहे| इसके लिए सभी को एक आप्शन दिया जाना चाहिए की वे चाहे तो  मिल कर कई  पत्रिका किसी एक व्यक्ति के पास मंगवा  ले वहां से वितरण हो जाये| 
     परामर्श  दात्री समिति में भी आधुनिक तकनिकी जानकारी /सलाह दे सकने योग्य को शामिल करे| 
      मुझे बड़े ही अफ़सोस के साथ यह कहना पड़ रहा हे की वर्तमान समाज  नीति निर्धारकों में अधिकांश उस पीडी के हें जो की ठीक से मोबायल आपरेट करना भी नहीं  जानते ,वे इन लाभों को समझ पाने में अक्षम हें जो की इन अव्यवस्थाओं का मूल कारण भी हे|
       इस द्र्ष्टता के लिए में क्षमा प्रति हूँ , मेरा उद्देश्य उन्हें नीचा दिखाना नहीं , वरन इस और सोचने के लिए मजबूर करना हे| मेरी खरी खरी बातो के लिए में पुनः क्षमा प्रति हूँ| में अपने मन की बातो के लिए इन शब्दों को  अधिक मीठा नहीं बना पा रहा हूँ |  मुझे निंदक मान कर ही सही संत कबीर जी के अनुसार "पास" ही रखेंगे एसी आशा हे|

प्रति  
१-  श्री रघु नंदन जी शर्मा
 अद्यक्ष अखिल भारतीय औदीच्य महासभा 
२- श्री गोविन्द जी आचार्य
 महामंत्री अखिल भारतीय औदीच्य महासभा 
३-श्री ओम जी ठाकुर  
संपादक औदीच्य बन्धु इंदौर 
                                                                                    डॉ मधु सूदन व्यास 
उपाध्यक्ष 
अखिल भारतीय औदीच्य महासभा म.प्र इकाई उज्जैन म. प्र.
एम् आई जी ४/१ प्रगति नगर नानाखेड़ा उज्जैन|
मोब- 9425379102
E mail- audichyamp@gmail.com