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एक सन्देश- आपके अपने माता-पिता और बुजुर्ग जो आपसे कहीं दूर रहते हें तो भी आप उनकी मदद कर सकते हें?

एक सन्देश-

आपके अपने माता-पिता और बुजुर्ग जो आपसे कहीं दूर रहते हें तो भी आप उनकी मदद कर सकते हें?

सहायता सहानुभूति की चेन चलाये,!

आपके अपने आपसे दूर रहते हें, और आप उनके काम नही आ पा रहे हें, 
आप उनके सुख दुःख में शामिल होना चाहते हें,, 
उनका अकेलापन दूर करना चाहते हें!

तो ----

आपके आस-पास जो भी अकेले रह रहे, वयोवृद्द हों उनके अकेलापन दूर करने का प्रयत्न करें| विश्वास रखें की आपके अपने जिन तक आप पहुँच न पा रहे हों उन्हें भी इसका लाभ मिलेगा|

वर्तमान में छोटे होते परिवार, एक या दो संतान और वे भी नोकरी आदि कारणों से दूर, जैसे कारणों से वयोवृद्ध पुरुष स्त्रियों और वरिष्‍ठ नागरिकों को अकेले रहना पड़ रहा है इसे में यह एकान्तता उनमें उदासी या अवसाद उत्पन्न कर रही है||

उनमें कुछ भी करने की इच्छा का न होना, बिना वजह रोने लगना, अशांति या खीझ और बिना किसी बात के नाराज होना, नोजवानो और सामने पड़ने वालों को बुरा-भला बोलना, यदि हमको दिखाई दे रहा है तो समझलें की अव उन्हें किसी अपने की जरुरत है|

आप उनके कोई न भी हों तो भी उनसे बात करें, उनको सुने, अपने छोटे बच्चों को उनके साथ खेलने दें| 
इससे उनमें उत्साह उत्पन्न होगा, उनके जीवन के अनुभवों का लाभ आपको और बच्चो को मिलेगा| उनकी स्मरण शक्ति में सुधार होगा, और स्‍मरण शक्ति ठीक होगी, उलझने दूर होंगी, और यदि उनमें मृत्‍यु अथवा आत्‍महत्‍या का विचार और निराशा आ रही है तो दूर हो जाएगा |

सब लोग एसा करने लगें, और समाज में यह चेन या चेतना फेल जाये तो, इसका लाभ आपके अपने उनको भी मिलेगा जो आपसे दूर हें|

सन्देश को शेयर करें, सभी को इस पुण्य के लिए प्रोत्साहित करें, जय हिन्द|

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डॉ मधु सूदन व्यास|

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