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पाठको की कलम से-



आपके पत्र -- पाठको की कलम से ।
[इस स्थाई स्तम्भ में पाठको से प्राप्त - ई मेल संदेश ओर टिप्पणियाँ प्रकाशित होंगी।]

अखिल भारतीय औदीच्य महासभा रजि. : पाठको की कलम से: में आई टिप्पणियों ओर आपके ई पत्र के लिए क्लिक करें । ====================================================================
  • from - hindukrantivir@aol.com 03/03/14 /4:48 am
माननिय महोदय श्री डॉ. मधुसुदनजी व्यास,
    जय श्री गोविन्द माधवजी । 
    नमस्कार ! 
    आपके प्रत्युत्तर और प्रतिभावके लीए धन्यवाद. सीदी सुनके आपको आनंद प्राप्त हुआ ये जानकर प्रसन्नत हुई । हमारे औदिच्य बंधुंओंको ये सीडी ऑन लाइनके माध्यमसे औदीच्या बंधु वेव द्वारा उपलब्ध करवानेका प्रस्ताव सुंदर और आवकारदायक हैं । आपके प्रस्तावके लीए आभार । हाल मैं भारत्के महान क्रांतिकारी स्वातंत्र्य संग्रामी पंडित श्यामजीके जीवन और कार्य पर एक सीडी रोम और उनको श्रद्धांजलि समर्पित करते मेरे गीतोंकी एम्पी थ्री सीडी प्रकशित करनेके कार्यमें व्यस्त हुं तो अगले दो महीनेके बाद उन विषय पर कार्यरत होनेकी संभावन हो शक्ति हैं । जैसे ही उन पर कार्य होग तो आपको सुचित करके शकटांम्बिका माताजीकी सीडी लिंक बननेके बाद औदीच्या बंधु वेव पर सभी को सुलभ कारवाई जा शक्ती हैं । 

    गत मासिकमें महान राष्ट्रकवि स्व. प्रदीपजीके जीवन पर लेख पढकर प्रसन्नतके साथ गौरवकी अनुभूति प्रापत हुई । हमारे समाजके ऐसे महान राष्ट्रकवि के राष्ट्रवादी गीतों और भक्तिगीतोंकी विशेष स्मरणीय सीडी आल्बम या वीसीडी मेरे वतनके लोगो गीत की ५०वी जयंति पर प्रकाशित हो शके तो वो वो उनको एक अमूल्य श्रद्धांजली हो शक्ती है । मैंने शेमरू कंपनी, मुंबई, को प्रस्ताव मेरे परिचित व्यक्ति जो कंपनीमें प्रभावीत स्थान पर हैं उसे भेजा हैं । आपभी संस्थाकी तरफसे लीख शक्ते हो । 
    ईस पत्रके साथ मेरे अल्बुम ''जयहिंदुत्वम' में मैणॅ ऍ एक गीत स्व. प्रदीपजीके '' ये मेरेवतन्के लोगों पर आधारीत गीत लीखाथा वो भेज रह हुं अपेक्ष रकहता हुं कि आपको पसंद आयेगा । 
    शुभेच्छा एवम शुभकामन
    हेंमंतकुमर पाध्या
    यु.के. 

    उत्तर- वास्तव में आपने बहुत सुंदर प्रस्तुती दी है इसके लिए साधुवाद, इन गीतों की लिंक सभी को उपलब्ध हो तो सभी आनंद ले सकेंगे। आपका धन्य वाद -। डॉ मधु सुदन व्यास 3 मार्च 14
    ---------------------------------------------------------------------------------------
  • Brahmtej ने  महामालव औदीच्य ब्रह्म समाज धर्मशाला चिंतामन रोड उज... " पर एक टिप्पणी छोड़ी : 
  • Audichya Sahtra Brahmin World wide spread ,but for integrating them for a Siddhpur original place /Native of 1000 families no reponses on such a remarkable support for future generation.Gujarat state is allready pottentially /thckly resided community of Audichya Sahstra Brahmin , no such organization for Audichya sahstra Brahmin samaj smarak/ foundation at Siddhpur .
  • Ghanshyam Jani/21/13 को  "अमेरिका मै एक थका हुवा भारतीय आराम से बेठा था,वो थोड़ी घुटन भी महसुश करता था,सायद इंग्लिश बोल बोल के थक गया होगा,बहोत से लोग वहासे पसार होते थे ,वो ध्यान तक नहीं देता था इतना थक चका था,तब उशिके कानो पर भारतीय भाषा सुनाई पड़ी वो एकदम चोकन्ना हो गया उठ पड़ा और वो भारतीय के पास पहुच गया, और बोला आप भारतीय हो आपको मिलकर बहोत ख़ुशी हुई,दूसरा जो भारतीय था वो पहेले को देखने लगा, और बोला हा मै हु पहेचाना भारत मै मे तुम्हारा पडोशी हु वहा कभी तुमने मेरी तरफ देखते भी नहीं थे और आज" .........ये हाल है हम ओदिच्य ब्राह्मणों का ,जितने वतन से दूर है वहा प्रेम जयादा है और जो पास है उनको अपने भाई की परवा नहीं .औदिच्य ब्राह्मण संगठन बरक़रार रहे ऐशी सुभ कामना और नये नये काम करते रहो महामालव औदीच्य ब्रह्म समाज धर्मशाला चिंतामन रोड उज्जैन का निर्माण प्रारम्भ ।पर 
  • शिश्यवृत्ती योजना हेतु 11 बालिका के अभीभावक हेतु स्वीकृती मिल गयी है ..... आवेदन आमंत्रित है शिश्यवृत्ती योजना हेतु 11 बालिका के अभीभावक हेतु स्वीकृती मिल गयी है ..... आवेदन आमंत्रित है तत्काल सादे कागज पर अपनी आवेदन करे .... प्रबोध पण्ड्या....उज्जैन.....09425050590 मनीष गौतम .....इंडोर ,....919926476476542 आओ ''औदीच्य अभिभावक '' बने । पर
  • 2/19/13 को Brahmtej     good afort is being took from u sir, pl keep it in booklet with all samaj of Siddhpur origine Audichya Sahtra Brahman for future generations रूद्र महालय खंड काव्य-औदीच्य ब्राम्हणों की उत्पति की गाथा। पर

Aapke,sahstraaudichy itihas evm anya sabhi lekh pdhe,bahut hi rochak evm gyanwardhak tatha sarahneey hain.Dhnywad. 
  • 9 फरवरी 2013 
मैं अपने आप को कहीं भी भेजा लिंक को देखने के लिए सक्षम नहीं हूँ. मेरे पिता पंडित प्रेमवल्लभ शर्मा Audichya Siddhpur में आयोजित सम्मेलन के मुख्य orginazer था, उसका नाम लेख में नजरअंदाज कर दिया है. उनकी पुस्तक 'Audichyo के Sabhyata का Itihas' और 'Shristhal प्रकाश' ppjagadguru Niranjandevji द्वारा 2 दिन समारोह में प्रकाशित किया और बड़े Devataji द्वारा प्रस्तावित किया गया था की घोषणा किया गया था.
सादर.
PPPandi
 महोदय, 
कोई नाम जानकारी के अभाव में रह जाता हे  नजरअंदाज करने का कोई कारण नहीं उनके विषय में विस्तार से [कार्यक्रम के अन्य फोटो भी यदि मिल सकें तो] विवरण प्रेषित करने की क्रपा करें, ताकि भूल सुधार किया जा सके। 
-संपादक औदीच्य बंधु वेव
9/2/2013   
  • Balkishna n.Dave
  • 9:47 am
    +
    1
    0
    1
    I am very much thankful for ur sympathy, now every day share on net ..and watch Audhichya Bandhu daily 
  • parantap pandit 9 फरवरी 2013
  • Namaskaram,
  • I'm son of Pandit Premvallabh Sharma - a welknown writter and Vidwan of Siddhpur knowing no of Audichya leaders of MP. He was awarded by Vikram University in 1980s. I'm also fondof writing and written no.of books/articles. Also developed two/three web sites for Audichya Brahmins. We no Vishvabandhuji and Chhote Devataji - Kota, Lalanprasad Vyas. They all stayed at my home while Audichya Sammelan i 1980s organised by my father.
  • Pl. download attached books.rar . Decompare the same and if you feel good to publish on your site, you may please.
धन्यवाद । 1924 में प्रकाशित प्रथम औदीच्य समाज की हिन्दी पत्रिका "औदीच्य-ब्राह्मण" मासिक पत्र प्रथम अंक। 

पर My best wishes on Audichya Bandhu publication , and now add all samaj events of Gujarat, being

held by samaj and send a copy for getting news if addresses with ur press.,pl list in facebook .thanks

के उत्तर में, Brahmtejद्वारा.

मधु सूदन व्यास
2/13/13 को
http://audichyabsahstrabrahminfoundation.blogspot.in/2013/02/audichya-praksh-book.html
A 2 Z -लेख /रचनाएँ पर
Ghanshyam Jani
2/13/13 को
आपकी जानकारी मे यदि कोई पत्रिका इस सूची में नहीं हो, तो क्रपया जानकारी प्रदान करें, सम्मलित की जा सकेगी।
औदीच्‍य समाज के विविध पत्र एवं पत्रिकाएं । पर
In current publication pl declare all samaj list of Audichya sahastra brah samaj for awareness,thanks के
उत्तर में, Brahmtejद्वारा.
मधु सूदन व्यास
2/12/13 को
In current publication pl declare all samaj list of Audichya sahastra brah samaj for awareness,thanks
औदीच्‍य समाज के विविध पत्र एवं पत्रिकाएं ।पर1 जवाब.
Brahmtej
2/11/13 को
My best wishes on Audichya Bandhu publication , and now add all samaj events of Gujarat, being held
by samaj and send a copy for getting news if addresses with ur press.,pl list in facebook .thanks
1924 में प्रकाशित प्रथम औदीच्य समाज की हिन्दी पत्रिका "औदीच्य-ब्राह्मण" मासिक पत्र प्रथम अंक। पर1 जवाब.
Brahmtej
2/11/13 को
सादर श्रद्धांजली सुशील कुमार जी ठक्कर- उनकी अंतिम इच्छा। पर
Unknown
1/27/13 को
Pratham Nishulk Parichay Smmelan ke Safal Ayujan ke leye Yuva Netratv Manish Ji Gautam ko Badhai
निशुल्क परिचय सम्मेलनस्थान- 16 दिसम्बर 2012 पर
prabodh pandya
12/16/12 को
Brahmtej via blogger.bounces.google.com 6 Dec (5 days ago) to me Brahmtej has left a new comment
on your post "GURU DARSHAN . Siddhpur-Jani": It is a spiritual,veda chant center on earth where
God/Godess had come to bless Devshankarbapa all facts ..never repeat..Do visit and feel what Said
Posted by Brahmtej to Brahmtej.blogspot.com at December 6, 2012 5:56 AM
उदयपुर राजस्थान मे औदीच्य दिवस समारोह 28/11/2012 को पर
Brahmtej
12/11/12 को
What is Vishwa Audichya Sahastra Brahm Samaj? First 1000 Brahmins were invited from kashi by
Maharaja Siddhraj to perpntate and propagate vedic Sanskriti in the Gujarat. The Sahastra Brahmins
Families who came from Audichya (uttara present North india) were offered land etc. at Siddhpur they
maintained and propseed vedic Sanskriti from Siddhpur and created their very glorious past. After
pasage of time, their famalies migrated to various parts of Gujarat, and in present era, to all over the
world, for occupation, services etc... We some Audichya Sahastra Brahmin friends, including some
NRIs had dreamt of uniting all Audichya Sahastra Brahmins at one platform. We here cordially invite
you to enter your Family Bio-Data so that we Audichya sahastra Brahmins can remin in contact with
each other and help each other and thereby to our society as a whole. - Mukeshkumar Gaurishankar
Jani (U.S.A) and Friends from USA and India Lives in Mehsana औदिच्य बंधू पर
Brahmtej
12/11/12 को
We r of Sidhpur origine and our forefather also come to show Brahmtej to ruling King of Patan.The
same we have not sustained ,Why because we never followed our duties given , and thus all shameful ,
inferiority complex seen still in profession to get money .Better to start from our family a daily Sandhya,Jap,Devpuja,Agnihotra(Vishvodev) My heartly request for ..haritage from Community never
loose, but still update ..time come Brahmtej ..is for mankind welfare
Dr Balkrishna dave http://Brahmtej.blogspot.com News & Informations पर
Brahmtej
12/10/12 को
Al Brahmin must be celebrating Yghnopavit on community festivals in good No,s of Childs(M).
Donations and other gifts for Batuk For worship Gaytrimantra, but how much sustain this concept
in families as a Duties alloted for Brahmins from sastra(Gita) mentioned these duties. In Sidhpur now
7 years boy daily go Pathshala to learn said duties, and study too. To get all facilities on one place
Sanskrit Pathshala ,is being run in Siddhpith Ashram since Devshankarbapa for vedas hant,puran,
sastra Grammer study at Siddhpith Ashram Sidhpur . सर्व औदीच्य ब्राम्हण समाज का सम्मलेन पर
Brahmtej
12/4/12 को
Brahmins must be be aware of Diabetic, our habits of Ladu consumption frequencies , may lead us a
chronic diabetics patient. All of us now health conscious and also economised , Bhojan of any
ceremony has 50 % budget, waste of money too.Better share all to needy families among us every
samaj by contrubuting funds. 21 century for Organic foods, and free of chemically oriented flavour,
colors,spices, grains r being use in Bhojan.these r etiology (Cause ) of Liver,Lung.Pancreatic,Gall Blade,
Kidney, CANCER. My all friends we must be sustaine our BRAHMTEJ by avoiding such,and start
Sandhya,Jap,Devpuja,Worship Kldevi,aleast one visit /year Sidhpur where Foundtion being proposed
by ur own funds of SAmaj where u stay/Native. E-mail audichyasabrahmin@gmail.com
अखिल भारतीय औदीच्य महासभा का संविधान संशोधन पारित पर
Brahmtej
12/4/12 को
I belong to Sidhpur Gujarat a native of Audichya Sahstra Brahmins since more than 1000 years.Now all
of these had migratted for livehoods ,established their Samaj wher become native of Parents. Time
come to come closer for future generation ,Audichya Sahstra Brahmins have a new concept of Foundation
 for welfare ,Kuldevi worship,Matrushradh, other pilgrims visit. Sidhpur is proper site and all original
Kuldevi spot r nearer , also Bindu sarovar ,Siddhpith ashram of Devshankarbapa on Sarswati river
(Rig-Ved) Pl all of u online may contact audichyasabrahmin@gmail.com shymajani@gmail.com
पाठको की कलम से- पर
Brahmtej
12/4/12 को
औदिच्य सहस्त्र ब्राह्मिन फौन्डेसन audichyabsahstrabrahminfoundation.blogspot.com is created
by Ghanshyambhai Jani and pl all Palwada Audichya Brahmin Samaj need for their awareness of Kuldevi ,
villagealloted from Sidhraj Solanki and foundation at sidhpur with l infrastructure can be organised by own
funds for said purposes,future generation can be facilited .. E-mail audichyasabrahmin@gmail.com
पं. ओम मेहता- उपाध्यक्ष तीर्थ मेला प्राधिकरण का अभिनंदन समारोह सम्पन्न। पर
Brahmtej
12/3/12 को
Very pleased and feel proud to join our own site. Thanks for keeping updated about our society.
With Warm Regards Ashwani Vyas Mandi - Himachal Pradesh News & Informations पर
ashwani vyas

11/14/12 को
गोरव जी, आपका धन्यवाद। हमारी यह भावना हे की अधिक तम लाभ समाज को मिल सके इसलिए यदि आप भी कुछ
समय दे सकें तो आप अपने क्षेत्र की गतिविधियां/समाचार/वेवहिक विज्ञापन एकत्र कर e mail audichyamp@gmail.com
द्वारा भेज सकें तो अच्छा रहेगा। आप हमारे प्रतिनिधि/संवातदाता के रूप में यह पेशकश स्वीकार कर लें तो हम आभारी
रहेंगे। अन्य सभी क्षेत्रों से भी हम यही आशा रखते हें। News & Informations पर
madhusudan vyas
11/8/12 को
I really very much impress to watch this site. This site is really very much helpful for every Audichya
Bandhu.If I will get any information for audichya samaj from any where which will helpful for our audichya
samaj then I am will defiantly share that information through this site. Thanks a lot to every person who
are participate and devote his/her valuable time & and energy to make this site.
Regards Gaurav Dwivedi Dungarpur (Raj.) News & Informations पर
Gaurav Dwivedi
11/8/12 को
माधव ..भागो मत ..जीवन एक संघर्श है ..इस से भगो मत कर्म करो जीतो संसार को ....गोविन्द यह कह्ता है .....
जय गोविन्द माधव.... गौविंद माधव आखिर है कौन?पर
prabodh pandya
9/5/12 को
सूर्यकान्त जी बहुत ही आसन हे सभी के लिए तरीका निम्न हे | पिकासा 3 फोटो एडिटर में हिंदी का आप्शन चुन कर लिख
सकते हे | यदि कंप्यूटर पर हिंदी फॉण्ट नहीं हे तो ट्रांसलिटरेशन Download Google Transliteration IME पर unicode
में हिंदी में लिखें फिर कॉपी कर पिकासा फोटो एडिटर में 'टेक्स्ट' सिलेक्ट कर यूनी कोड आप्शन चुन कर पेस्ट कर दे| बस हो
गया | और भी कई तरीके हें| यह आसान हे|अन्य सभी की जानकारी के लिए भी प्रकाशित | मुझे सभी के साथ इस प्रकार की
जानकारी का आदान-प्रदान अच्छा लगता हे | धन्यबाद| सुभाषित (संस्कृत साहित्य से ) पर
aap ne photos me indic fonts kaise add ki ?? के उत्तर में, Suryakantद्वारा.
Dr. Madhu Sudan Vyas
7/7/12 को
aap ne photos me indic fonts kaise add ki ?? सुभाषित (संस्कृत साहित्य से ) पर1 जवाब.
Suryakant
7/7/12 को
वास्तव में मरणोपरांत और प्रतिवर्ष किया श्राद्ध दिवंगतो के प्रति श्रद्धा हे | अपने दिवंगत वुजुर्गो के प्रति प्रेम, का निर्वाह और
प्रतिवर्ष याद रखना ,संतानों को याद दिलाते रहने का इससे अच्छा और क्या रास्ता हो सकता हे | पर यह भी सच हे की व्यापारी
पंडितो ने इसे पाखंड बना दिया हे | उज्जैन के औदीच्य ब्राम्हण समाज के पंडित अभी भी (कुछ एक को छोड़कर) इस बुराईसे
बहुत दूर हें| अंतिम संस्कार-वैदिक विधान पर
Dr madhu Sudan vyas
6/18/12 को
Dr madhu Sudan vyas
6/18/12 को
श्राद्ध का वैज्ञानिक पहलू-----जन्म एवं मृत्यु का रहस्य अत्यन्त गूढ़ है। वेदों में, दर्शन शास्त्रों में, उपनिषदों एवं पुराणों आदि में
हमारे ऋषियों-मनीषियों ने इस विषय पर विस्तृत विचार किया है। श्रीमदभागवत में भी स्पष्ट रूप से बताया गया है कि
जन्म लेने वाले की मृत्यु और मृत्यु को प्राप्त होने वाले का जन्म निश्चित है। यह प्रकृति का नियम है। शरीर नष्ट होता है
मगर आत्मा कभी भी नष्ट नहीं होती है। वह पुन: जन्म लेती है और बार-बार जन्म लेती है। इस पुन: जन्म के आधार पर ही
कर्मकाण्ड में श्राद्धदि कर्म का विधान निर्मित किया गया है। अपने पूर्वजों के निमित्त दी गई वस्तुएँ सचमुच उन्हें प्राप्त होती हैं
या नहीं, इस विषय में अधिकांश लोगों को संदेह है। हमारे पूर्वज अपने कर्मानुसार किस योनि में उत्पन्न हुए है, जब हमें इतना
ही नहीं मालूम तो फिर उनके लिए दिए गए पदार्थ उन तक कैसे पहुँच सकते हैं? क्या एक ब्राह्मण को भोजन कराने से हमारे
पूर्वजों का पेट भर सकता है? न जाने इस तरह के कितने ही सवाल लोगों के मन में उठते होंगे। वैसे इन प्रश्नों का सीधे-सीधे
उत्तर देना सम्भव भी नहीं है, क्योंकि वैज्ञानिक मापदण्डों अंतिम संस्कार-वैदिक विधान पर
प्रबोध पंड्या
6/16/12 को
ujjain- कई बंधू मुझे अपना समझकर यह चाहते हें की में सदा ही उनका पक्ष लूँ चाहे वे गलत ही क्यों न हों| पर में एसा नहीं कर
पता, शायद मुझमें यह दोष हो | पर मित्रो में तो यह जानता हूँ की कोई भी विरोधी जब आपके पास होगा ही नहीं तो वह आपकी
गलती केसे बतायेगा, और फिर यदि मित्र गलती नहीं बताएगा तो उसका निवारण केसे होगा ? फिर सार्वजानिक कार्यो की
गलतियों को भी तो सभी के सामने बताना क्या गलत हे| क्षमा करें में इसे समीक्षा भर मानता हूँ| प्रसंग कार्यक्रम बडनगर
-२७ मई-२०१२ |06/062012 अ.भा. औदिच्य म.स. बडनगर तहसील इकाई की कार्यकारिणी के शपथ ग्रहण पर
Dr madhu Sudan vyas
6/6/12 को
क्या आप जानते है उज्जैन में नगर में औदिच्य समाज की कितनी धर्मशाला है ...? स्वतन्त्र ट्रस्ट / स्थानीय समिति द्वारा
संचालित... १ हरिहर ब्रम्हचर्य आश्रम .. सिंहस्थ क्षेत्र/महाकाल के नजदीक -- मोती बाग (भागसिपुरा )स्वतन्त्र ट्रस्ट द्वारा
संचालित नवनिर्मित वातानुकूलित कक्षा /सभाग्रह युक्त २. महा मालवधर्म शाला --- नगर के मध्य क्षीर सागर पर
(ग्रामीण संगठन द्वारा संचालित /निर्मित ) सर्व सुविधा युक्त बड़ी धर्म शाला ३ कोटी लिंगेश्वर ,अब्दालपुरा धर्मशाला
.अब्दालपुरा सर्व सुविधा युक्त बड़ी धर्म शाला ४ नान्ही सम्भा धर्मशाला शांति नाथ की गली (शहर के मध्य ) ५ जोत्पुरा
औदिच्य धर्मशाला (पुष्कर बावड़ी ) ५ कार्तिक चौक (वर्त्तमान में भूमि बेच दे है पैसा बैंक में सुरक्षित ) ६ चिंतामन रोड पर
जमीन क्रय की जा चुकी है निर्माण प्रस्तावित् ....(.क्यों निर्माण प्रस्तावित् .उपरोक्त ५ की ही सुध ले लो . ......उज्जैन नगर में
..इतने स्थान उपलब्ध ....फिर क्यों इधर उधर दौड़ लगाए ...? इसी स्थिति कमोबेश अनेक स्थानों पर है .... महासभा इन पर
क्यों ध्यान नहीं देती .......विद्रूप स्थिति ये है की उज्जैन नगर में महासभा धर्मशालाएँ/Rest House पर
प्रबोध पंड्या
6/2/12 को
आदरणीय व्यास जी आपने ब्रह्मण कि वर्तमान स्तिथि के बारे में लिखा हमें बहुत पसंद आया! धन्यवाद
ब्राम्हण की वर्तमान स्तिथी- एक कविता डॉ ओ.पी.व्यास गुना पर
GIRISH
5/31/12 को
बहुत बहुत शुभकामनायें सर्व औदीच्य ब्राम्हण समाज का सम्मलेन पर
narayani maya
5/24/12 को
यह आपका प्रश्न नहीं विचार होना चाहिए की इसके लिए क्या क्या किया जाना चाहिए और केसे किया जाना चाहिए?
इस बारे में विचार पूर्ण लेख भेज सकतें हें| महिला एवं सम्मान समारोह पर
Dr. Madhu Sudan Vyas
5/5/12 को
6 अप्रेल २०१२ को उज्जैन में प्रस्तावित महिला सम्मलेन में महिलाओं की ज्वलंत समस्या पर भी सार्थक चर्चा की आशा है -
------ सामूहिक यज्ञोपवित / विवाह /परिचय सम्मलेन जैसे आयोजन पर सामाजिक सक्रियता दिखाते समाज लोग
/संगठन के पदाधिकारी समाज में फ़ैल रही पारिवारिक विघटन की प्रवत्तियो जैसे टूटते परिवार /क्षय होते संस्कार /
बड़ते तलाक प्रकरणों पर कब -किस तरह रोक लगायेगें ................ महिला एवं सम्मान समारोह पर
प्रबोध पंड्या
5/4/12 को
औदीच्य गीत देश में होने वाले औदीच्य सभा और सम्मेलनों में गाया जाना चाहिए ताकि प्रत्येक औदीच्य को अपने औदीच्य
होने पर गर्व हो की वह महान ऋषियों की संतान है| औदिच्य गीत पर
mohan rawal
4/21/12 को
कुछ का मानना हे की केवल कुरूतियों पर ही प्रहार किया जाना चाहिए, पर में समझता हूँ , कि कुरीति एक क्रिया हे| जबकि
व्यक्ति उस क्रिया को करने वाला कर्ता होता हे | प्रत्येक क्रिया पर पर हुई प्रतिक्रिया का सम्बन्ध स्वाभाविक ही व्यक्ति पर
होता हे | अत: केवल कुरीति मात्र पर प्रहार ओपचारिकता होगी| इसका परिणाम शुन्य होगा, ऐसी परिस्थिति में कुरीति हटाने
का ढोंग करने से कुरीतियों का निवारण नहीं किया जा सकता| कालांतर में जितने भी सुधारक हुए हें सभी ने इस सत्य को
स्वीकार क्या और विरोध के बाद भी द्रड़ता पूर्वक विरोध किया तब ही सती प्रथा जेसी बड़ी कुरीति समाप्त हो सकी थी| छोटी छोटी
कुरीतियों के प्रति भी सभी को यही नजरिया रखना ही होगा|म्रत्यु भोज-अनावश्यक परम्परागत रुडियां । पर
डॉ .साहेब लिखित म्रत्यु भोज सम्बन्धी लेख में " चतुर पंडित ठगने लगे शब्द अत्यंत ही अनावस्यक है ..यह दुराग्रह पूर्ण
या अज्ञानता भरी बात की आपसे उम्मीद नहीं थी ..........हा यह भाषा वे लोग इस्तेमाल करसकते है जिनके घर कोई पंडित परंपरा
न हो , मतलब निरे संस्कारहीन हो ........कृपया संशोधन करने का कष्ट करे ...... यदि आप भी सहमत हो तो समर्थन करे .....
धन्यवाद् के उत्तर में, प्रबोध पंड्याद्वारा.
madhusudan vyas
4/12/12 को
Manish Bhatt प्रकाश जी आप किस दुनिया में है आपको याद करा दू अखिल भारतीय महा सभा का असली स्वरूप तो अब
आया है इसके पहले तो औधिच्या समाज सिर्फ उज्जैन और एक परिवार तक ही सिमित था जिसको इस पिटारे से निकाल कर
भारत वर्ष में फेले ब्राह्मणों को संगठित करने का काम इतने कम समय में करना एक चमत्कार है नेतृतव शमता जिसमे होती
है वो ही ये काम कर सकता है आज औधिच्या महासभा को गाव-ब्लाक-जिला -संभाग-और भारत के प्रदेशो में पहुचाने का काम
जैसे हुआ है लगता है कमान किसी परशुराम के पास है और परशुराम राम और माधव एक साथ हो तो ये अंतररास्ट्रीय महासभा
हो जायेगा / माधव ने कहा हे परशुराम की बात करना हो तो परशुराम जैसा जिगर होना चहिये / हमें समाज को जोड़ना है तोडना
नहीं है सकारात्मक सोच होगी तो सफलता मिलेगी / आज युवा, महिला, वरिष्ट, इकाई का स्वरुप है वो भविष्य में और फेलेगा
/ पहली बार ऐसा हुआ है की समाजजनो को महासभा के संविधान की जानकारी हुई हे इसके पहले तो महासभा की जानकारी नहीं
थी संविधान तो दूर की बात है/ उसमे कमी निकालना और नकारात्मक सोच रखना निंदनीय है अपनी बात रखना है तो
सकारात्मक सोच के साथ रखे / संविधान कोईअखिल भारतीय औदीच्य महासभा का संविधान संशोधन पारित पर
बेनामी
4/11/12 को
जीतेन्द्र अखिल भारतीय औदीच्य महासभा का संविधान संशोधन पारित पर
jitendra vyas
4/10/12 को
Madhusudan Vyas जब भी किसी कुरीति पर प्रहार किया जाता हे तब यह नहीं देखा जासकता की हथियार केसा हे? कष्ट तो
होता ही हे पर याद रखना चाहिए की 'वेदना पूर्ण प्रसव के बाद ही संतान " का जन्म होता हे| सच्चाई कष्ट तो देती ही हे | पर इस
कडवे घूंट को स्वीकार करना ही होगा | अन्यथा कुरीतियों का निवारण केसे होगा?
Dr. Madhu Sudan Vyas
4/7/12 को
डॉ .साहेब लिखित म्रत्यु भोज सम्बन्धी लेख में " चतुर पंडित ठगने लगे शब्द अत्यंत ही अनावस्यक है ..यह दुराग्रह पूर्ण या
अज्ञानता भरी बात की आपसे उम्मीद नहीं थी ..........हा यह भाषा वे लोग इस्तेमाल करसकते है जिनके घर कोई पंडित परंपरा
न हो , मतलब निरे संस्कारहीन हो ........कृपया संशोधन करने का कष्ट करे ...... यदि आप भी सहमत हो तो समर्थन करे
.....धन्यवाद् म्रत्यु भोज-अनावश्यक परम्परागत रुडियां । पर2 जवाब.
प्रबोध पंड्या
4/6/12 को
Thanks. "औदिच्य बंधू" वेव पर नई सुविधाए! पर
Dr. saab, aapka samaj ke leeye keeya jane wala kam hamesha yaad rakha jayega aapke keeye hue sabhi kam bahut
sunder prayas hai aapka dil se abhinandan. Regards के उत्तर में, बेनामीद्वारा.
audichya bandhu mp
3/20/12 को
Dr. saab, aapka samaj ke leeye keeya jane wala kam hamesha yaad rakha jayega aapke keeye hue sabhi kam
bahut sunder prayas hai aapka dil se abhinandan. Regards "औदिच्य बंधू" वेव पर नई सुविधाए! पर1 जवाब.
बेनामी
3/19/12 को
बहुत अच्छा हे | मालवी होली के ठहाके पर
Mukesh Joshi
3/12/12 को
बहुत सुन्दर सामयिक कविता हे | आओ होली मनाये-नारायणी माया पर
Dr. Madhu Sudan Vyas
3/7/12 को
धूल-मिटटी फेकने का तात्पर्य हे,"सामूहिक श्रमदान से सफाई में जुटना" । इसी हंसी ख़ुशी में संभव हे प्राचीन काल में कोई अति
उत्साही मजाक में सफाई की मिटटी धूल साथियों पर डाल देते हों, और धीरे धीरे यह परम्परा बन गई हो, और सामूहिक सफाई
अभियान की यह रचनात्मक बात भुला दी गई हो, और आज वह मिटटी धूल फेकने का "हुडदंग" मात्र बन कर रह गया हे।
पर्व-होली-उच्च नीच छुआ छात का भेद भाव भुला कर "सब एक रंग' में दिखना ही होली का असली आनंद हे। पर
बेनामी
3/7/12 को
इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है. "औदिच्य बंधू" वेव पर नई सुविधाए! पर
This is a wonderful effort from Dr Madhusudan Ji. के उत्तर में, Hemantद्वारा.
Dr. Madhu Sudan Vyas
2/24/12 को
This is a wonderful effort from Dr Madhusudan Ji. "औदिच्य बंधू" वेव पर नई सुविधाए! पर1 जवाब.
Hemant
2/23/12 को
अब आप टिप्पणी करने के लिए टाइप करे में अंग्रेजी में लिख कर स्पेस दबाते ही हिंदी में लिखकर कापी करके टिप्पणी फॉर्म में
पेस्ट कर टिप्पणी हिंदी में भेज सकते हें|"औदिच्य बंधू" वेव पर नई सुविधाए! पर
Dr. Madhu Sudan Vyas
2/23/12 को
it most important work,that is must. yah bahut acha kam ho raha hai,is me meri sahamati hai.apne samaj ko
udhane ka. वैवाहिक विज्ञापन-वधु चाहिए पर
बेनामी
1/11/12 को
red tube, pandora, limewire daemon tools, pandora, limewire वैवाहिक विज्ञापन-वर चाहिए: पर
avinashujn
1/4/12 को
like this वैवाहिक विज्ञापन-वर चाहिए: पर
बेनामी
1/4/12 को
sw. shri pande ji kushal vytitv ke sath bhumukhi pratibha sampann mahakal ki nagari me sarswati or laxmi ke
vard putra the hame goravshali or sobhagyshali he ki unka sanidhy hame prapt hua.
Audichya Bandhu (Ptrika) पर
pt.Abhishek joshi
12/22/11 को
भाषाए और बोलियाँ अपने विकास क्रम के साथ निरंतर विकसित और बदलती रही हें| आदिम काल से आज तक की भाषा का
क्रम इसी प्रकार चला हे| लगभग प्रत्येक सो किलोमीटर के बाद इनमे परिवर्तन देखा गया हे | आज जेसे जेसे आवागमन के
साधन विकसित हुए और संपर्को का दायरा बड़ा वेसे वेसे ही भाषा में तेजी से परवर्तन होने लगा हे| आसान और सर्व सुलभ
मिश्रित भाषा सामने आती रही हे | वर्तमान हिंदी का इतिहास भी अधिक पुराना नहीं हे | संस्कृत,पाली आदि भाषा वाली देवनागरी
लिपि और क्षेत्रीय बोलिया आज अरबी अंग्रेजी, से मिल कर नई हिंदी बन गई हे वही दूसरी और उर्दू भी बनी हे| इस प्रकार पुराने
के अंत के बाद ही नया पोधा लगता हे| पर यदि पुराना पोधा सींचा नहीं जाये तो भी विकास यात्रा रुक जाएगी| इस लिए पुरानी
भाषा का सरक्षण तो होना ही चाहिए|
भारत की कुल १९८ क्षेत्रीय भाषाए "लुप्त होने के कगार पर” पर
Dr. Madhu Sudan Vyas
11/19/11 को
बधाई हो व्यासजी , आपका प्रयास से यो संभव हुवो हे | जय हो | आपको आशीर्वाद असे ही मिलता रहे समाज उतरोत्तर
प्रगति करतो रे याज प्रभु से प्रार्थना हे |
औदिच्य बंधू पर
RAJESH BHANDARI
11/19/11 को
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