श्री नरेश मेहता-- औदीच्य समाज की विभूतियाँ ।:श्री नरेश मेहता 15 फरवरी, 1921 को शाजापुर (मालवा) में जन्म। कहानी, उपन्यास, नाटक और कविता के क्षेत्र में समान रूप से रचनाएं। उपन्यास 'यह पथ बंधु था', 'एक समर्पित महिला' 'तथापि' जैसे कहानी-संग्रह, 'सुबह के घंटे' सरीखे नाटक और 'संशय की एक रात' जैसी कविता श्री नरेश मेहता के समर्थ रचनाकर्म का प्रमाण हैं। अनेक सम्मान व पुरस्कारों में ज्ञानपीठ पुरस्कार भी शामिल। see more--link-