गौतम गोत्रीय सहस्र औदिच्य ब्राह्मणो की कुलदेवी शक्टांबिका माता मंदिर की सौ वीं वर्ष ग्रंथि के अवसर पर आयोजन।

जय श्री शक्टांबिका माताजी जी ,
सहस्र औदिच्य ब्राह्मणो के गोतम गोत्रीय कुलदेवी शक्टांभिका माता मंदिर की सौ वीं वर्ष ग्रंथि के अवसर पर आयोजन दिनांक 06/02/2014।  

शक्टांबिका माताजी का इतिहास 

श्री शक्टांबिका माताजी मंदिर गुजरात के सिद्धपुर निकट आज का ग्राम पासवदल પાસવદ્ળ ગુજરાત. Shaktambika Mataji Temple, Paswadal, gujarat ] में स्थित है । यह गौतम के वंशज के "कुलदेवीदेवी" है । "गौतम गोत्र के कुछ ब्राह्मणो को 1100 वर्ष पूर्व पहले पहले, महाराज मूलराज ने यह गाँव दान किया था। यह गाँव पूर्व काल में पुष्पासर या पुष्पवती के नाम से भी जाना जाता था। गौतम गौत्रीय ब्राह्मणों ने इस शहर में शक्टांबिका माताजी की स्थापना की।   इन गौतमी ब्राह्मणों को पूरे ग्राम का दान दिया इस हेतु ये ब्राह्मण,  बाद के काल में पुष्पदलिया (Pushpadaliya) के नाम से भी जाने जाते थे। 

इस शहर को आक्रमण करियों ने ध्वस्त कर दिया और लोग अन्यत्र चले गए थे। कई वर्षों के बाद अंबामाता जी  के मंदिर का पुनुरुद्धार कर इस गांव को फिर से स्थापित किया। आज विभिन्न समुदाय के कई लोग यहां निवास करते हें। और गांव का नाम अब ' Paswadal ' से जाना जाता है।  
शक्टांबिका माताजी मंदिर का महत्वपूर्ण प्रसिद्धि महा सूद 1971 की शुक्रवार 7th पर 100 वर्ष  पहले किया गया था । बाद में अन्यत्र गए कई ब्राह्मण पुनर्वास के साथ यहाँ लौट आए। धीरे धीरे पूजा के लिए यहां आने वाले ब्राह्मणों में लगातार वृद्धि हुई है। यहाँ निवास रत ग्रामीणों का मिश्रित प्रयास से, गौतमी ब्राह्मणों को दिए गए दान से, नव निर्माण किया गया है। 

महा सूद 7 माताजी के पाटोत्सव (patotsav) के रूप में मनाया जाता है। 

यहाँ श्री शक्टांबिका माताजी प्रति दिन, निम्न रूपों में दिखाई देती हें। 

  1. रविवार - शेर पर सवारी - अंबिका के रूप में। 
  2. सोमवार - गाय पर सवारी - पार्वती के रूप में।
  3. मंगलवार - शेर पर सवारी - शक्टांबिका माताजी के रूप में। 
  4. बुधवार - एरावत (सात सिर वाले हाथी) पर सवार - इंद्र के रूप में। 
  5. गुरुवार - ईगल पर सवारी - वैभवी के रूप में। 
  6. शुक्रवार - हंस पर सवारी - सरस्वती के रूप में।
  7. शनिवार - हाथी पर सवारी - लक्ष्मी के रूप में।
उपरोक्त वर्णन हमने अपनी जानकारी, खोज के अनुसार लिखा है। इस विषय में आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा रहेगी।
 डॉ मधु सूदन व्यास 
इस अवसर पर श्री हेमंत पाध्य जी ने यू के से एक वीडियो प्रस्तुति यू टुयुब के माध्यम से समर्पित की है।
  देखें -  वीडियो -SHRI SHAKATAMBIKAMATAJI : BHAVE BHAJILONE SHRI SHA
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