''वर्तमान की महती आवश्यकता'' परिचय सम्मेलन''
उद्धव जोशी
उद्धव जोशी
मानव का स्वभाव है, अपने से इतर दूसरों से परिचय करना और परिचय की अनमोल विशेषता है, समान विचारधारा वालों को आपस में मिला कर अर्न्तमन में ऐसी ज्योति जला देता है, जिसके व्दारा सब एक दूसरे से भावना और आत्मा से जुडें । युवा युवति के मन में जब कोमल भावनाऐं पनपती है, वाणी बोलने में कंजुसी बरतती है, नयन अपनी शैली में जीवन साथी चयन का संकेत देते हैं, तब चेहरा निखर उठता है, और परिचय, पहचान में बदल कर प्रगाढ रिश्ते में ढल जाता है।
'' पानी पीना छान कर, रिश्ता करना जानकर '' की तर्ज पर करते आ रहे हैं, जिसमें रिश्तेदारों और मध्यस्थों का बडा योगदान रहता था। यह सब उस समय की बात है जब समाज सीमित, साधन सीमित स्थानों की दूरी सीमित, चयन की परिधि सीमित होती थी, किन्तु वर्तमान में सीमित शब्द के साथ ''अ'' शब्द जुड कर वह असीमित हो गया है। परिवार के सदस्य अर्न्राष्टीय सीमाओं को छूने लगे, समाज का फैलाव होगया, उच्च शिक्षा ने अपने पैर पसार लिए, पेकेज पर नौकरी होगई, व्यवसाय विशाल होने लगे, भावनात्मक पहलु पर तुषारापात होगया, एकांगी जीवन से मेल जोल बना लिया, हम दो हमारे दो के परिवार बसने लगे, मध्यस्थों की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लग गया, पारिवारिक रिश्तों का विघटन हुआ, समाज से दूरी बनाली, बेटे बेटियों को उनकी मर्जी का जीवन साथी के चयन की आजादी हो गई, शासन व्दारा निर्धारित वैवाहिक जीवन की उम्र सीमा से बहुत आगे जाने लगी, परिचय करने का स्वभाव रहा ही नहीं, आदि अनेक कारणों से वर्तमान प्रभावित, परिवार पीडित और समाज असहज सा हो गया है। अब तो परिचय की परिभाषा ही बदल गई है।
पालने में पाला पोसा बचपन, बचपन के हाथों की कोमल छुअन, गोदी की गादी से उठता युवा और हिंडोले पर झुलते यौवन को देख माता पिता के चेहरे पर चिन्ता की लकीरों का प्रभाव स्पष्ट रूप से परिलक्षित होता है. वर्तमान के दरवाजे पर दस्तक और आने वालों की आहट, बेटियों के लिये वर का चयन करने में कई आपदाओं को निमन्त्रण् दे रही है। लडके वालों का कई बार कई सदस्यों के साथ देखने आना, जवाब को लटकाये रखना या मना कर देना आदि अनेक कारणों से बेटियां मानसिक रूप से पीडित, घरवाले अर्थ, समय और तनाव की तराजु में तुलते नजर आते हैं। समाज के ही परिवारों से जब जीवन साथी पाने का सहयोग नही मिलता है तो कई परिवार हताश, निराश होकर समाज को कोसने लगते हैं। यह स्वाभाविक भी है। किन्तु ऐसे परिवारों को निराश होने की आवश्यकता नहीं है, अन्त में समाज के व्दारा समाज के बीच से ही ऐसे परिवारों के बच्चों के लिए जीवन साथी खोजने का काम किया जाता है, और उसका ईश्वरीय रूप है, परिचय सम्मेलन जिसके माध्यम से अपनी हताशा और निराशा को कपूर के मानिन्द काफूर किया जा सकता है ।
बस इसके लिऐ आवश्यकता है, आपके और प्रत्याशी के आत्मीय और मानसिक सहयोग की। सामाजिक मंच से आयोजित होने वाले परिचय सम्मेलन में सम्मिलित होने के लिए निर्धारित फार्म में अपने बच्चों की जानकारीयों की पूर्ति कर उसमें बताये गये पते पर भेज कर अपनी चिन्ता, समस्या का समाधान समाज के सुपुर्द कर दें। सामाजिक मंच से आयोजन करने वाले आयेजक पूरे भारत से ही नहीं विदेशों से भी समाज के अविवाहित बच्चों की जानकारी विस्तार रूप से एकत्रित कर उसे अमूल्य धरोहर के रूप में पुस्तकाकार स्वरूप में ढाल देते हैं। बस आप निर्धारित दिनांक को आयोजन स्थल पर पहुंचे और चिन्ता से मुक्ति पावें।
अपने जाने अनजाने सामाजिक परिवारों के बीच अपने को पाकर आपकी खुशी व्दिगुणीत हो। अपने सुख दुख को बाटने का अवसर, एक दूसरे का सहयोग, नई नई जानकारियों का कोष खुलने के साथ ही बच्चों के लिए योग्य जीवन साथी के चयन की खुशी आपकी मुठठी में होगी। यहां एक बात अवश्य आपके लिये ही महत्वपूर्ण है, और वह अपने बेटे बेटियों को परिचय सम्मेलन में साथ ले जाने की। वे अपनी बौध्दिक और चयन की क्षमता का उपयोग कर अपने लिए योग्य जीवन साथी को चयनित कर सके क्योकि अन्तत चयन का भार उन्ही पर होता है। आप जैसा हर अभिभावक यही चाहता है, कि मैं होने वाले दामाद या बहू को आज ही अपना बना लू। समय चिन्ता को दूर करता है, और समय चूक जाने पर शायद चिन्ता को बढा भी सकता है। आपको सामाजिक आयोजन में कई परिवारों से मिल कर चर्चा करें, बच्चों का मिलवावें और उस समय संबंध तय हो जावे तो अति उत्तम अन्यथा संबंधित परिवार से बाद में भी संपर्क साधा जा सकता है। आप स्वयं महसूस करेगें की व्यक्तिगत और सामाजिक प्रयासों में कितने ज्यादा अमूल्य अवसर कहां उपलब्ध होते हैं । जिन परिवारों का समाज में लगातार जाना आना होता है वे तो अपने बच्चों के संबंध व्यक्तिगत रूप से तय कर लेते हैं किन्तु जो परिवार समाज और स्वयं के परिवार से दूर रह कर अनभिज्ञ रहते है, उन्हे बच्चों के संबंध समाज में तय करने में बडी कठिनाई होती है। इसी कारण समाज व्दारा यह व्यवस्था दी गई है, परिचय सम्मेलनों के माध्यम से संबंध जोडने के अवसर का लाभ उठाये ।
पहले आप परिचय सम्मेलन से होने वाले लाभों से परिचित हों ले फिर आलोचना की गेंद आपके पाले में होगी, वापस करेगें तो सही समाधान के साथ आपके पास फिर आयेगी ।
- परिचय सम्मेलन समाज व्दारा ,समाज के लिए सामाजिक मंच के माध्यम से योग्य एवं अच्छे जीवन साथी के चयन के अवसर उपलब्ध कराता है ।
- ऐसे कई परिवार होते हैं जो निर्णयात्मक शक्ति के अभाव में परिचय सम्मेलन में जाने का निर्णय यथा समय नहीं करते और बाद में गलती का अहसास होने पर अपनी प्रविष्ठी आयोजन दिनांक को जाकर सप्लीमेन्टी में प्रविष्टी करा कर उतना ही समय और अर्थ व्यय करते है जो पहले कर सकते थे । फिर भी देर आयद दुरूस्त आयद वे अपनी प्रविष्टी का लाभ भी दूसरों को देते हुए, परिचय पुस्तक प्राप्त कर स्वयं भी लाभान्वित होते हैं । इसीलिए समय की नजाकत को समझ कर समय पर काम करें और जीवन भर आराम करें।
- किन्ही कारणों से पुस्तिका में प्रविष्टी वाला कोई परिवार सम्मेलन में उपस्थित नहीं हो पाता है तो,परिचय पुस्तिका ही इतना सशक्त माध्यम है कि उसके व्दारा बाद में भी उस परिवार से संपर्क कर संबंध जोडा जा सकता है।
- हमारे समाज के ऐसे कई युवा युवति है जो सामाजिक मंच के माध्यम से क्रान्तीकारी संदेश देना चाहते है । उनके लिए परिचय सम्मेलन का मंच उपयुक्त है जहां से वे अपने विचारों का संप्रेषण कर उन युवा युवतियों को जो इस मंच से दूरी बनाये हुवे है आन्दोलित कर सकते हैं।
- परिचय सम्मेलन का मंच आपको समाज के कई परिवारों से मिलाकर योग्य चयन का अवसर उपलब्ध कराते हुवे आर्थिक और मानसिक वेदना से भी मुक्ति दिलाता है । नये नये परिवारों से मिलकर आपको और बच्चों को भविष्य में भी कई तरह के अमूल्य अवसर मिल सकते हैं।
- आपके बच्चों के जीवन के बारे में स्वयं आपको निर्णेय करना है,समाज आपको हर प्रकार का सहयोग करने को तैयार है तो ऐसे विचारों के बहकावे में जो नकारात्मक सोंच पैदा करते हैं न आकर सकारात्मक विचारों एवं समाज के साथ कदम से कदम मिलाकर कर चलें । परिचय सम्मेलन से जुडना फायदे का सौदा है,इसमें हानि का रत्ती मात्र भी सहयोग नहीं है।
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इसका प्रकाशन समाज हित में किया जा रहा है।