Audichya Brhamin: Is it Need a printed magazine for Audichya Brahmin...:
प्रिय औदीच्य ब्राह्मण बंधुओं,
Is it Need a printed magazine for Audichya Brahmin's wedding ad?
क्या औदीच्य ब्राह्मण विवाह विज्ञापन के लिए मुद्रित पत्रिका की आवश्यकता है?
प्रिय औदीच्य ब्राह्मण बंधुओं,
जय गोविन्द माधव.
औदीच्य ब्राह्मण वैवाहिकी [http://audichyabrahmin.blogspot.in/] ने सफलता पूर्वक पिछले 4 माह लगभग 100 से अधिक युवक युवतियों के वैवाहिक विज्ञापन प्रकाशन कर चुकी है| इसके विज्ञापन विश्व भर में देखे और पसंद किये जा रहे हैं| तीन माह में ही इसके माध्यम से लगभग 10 से अधिक विवाह निश्चित हो भी चुके हें|
अनुभव में आया है, की हमारे कई बंधू, विशेषकर प्रोड/ बुजुर्ग, और ग्रामीण, अपने पुत्र पुत्रियों के विवाह हेतु, इस साईट के विज्ञापनो का लाभ अभी भी नहीं ले पा रहे है| इसका कारण अभी भी पूर्ण समाज का इंटरनेट से जुडाव नहीं होना है| अधिकांश ऐसे बंधुओं को मुद्रित (छपी हुई) प्रति अधिक सुगम, सुविधाजनक लगती है|
प्रति वर्ष देश के विभिन्न भागों में परिचय सम्मलेन होते रहते हें, जिनमें परिचय पत्रिका भी प्रकाशित की जाती है| इसमें 200 से 1000 या अधिक तक युवक युवतियों के विवाह प्रस्ताव की जानकारी होती है| परिचय सम्मलेन में युवक युवतीओं और अभिभावकों को उपस्थित होना आवश्यक होता है, पर उनकी वास्तविक उपस्थिति 30-40% से अधिक नहीं रहती, और प्रत्याशी इससे भी कम उपस्थित होते हें| देखा जात है की अधिकाशत: अधिक शिक्षा प्राप्त या सेवा रत प्रत्याशी युवक युवती आते ही नहीं|
जो आते हें वे भी जितना धन और समय व्यय करते हें, अधिकांश को उसका लाभ भी सम्मलेन के समय नहीं मिलकर बाद में पत्रिका के माध्यम से ही मिलता है| इसीलिए अधिकांश प्रविष्टि देने वाले और जिनकी प्रविष्टि नहीं है, वे सब केवल प्रकाशित पुस्तक ही चाहते हें| इस तरह परिचय सम्मलेन का उद्धेश्य पूरा ही नहीं हो पाता|
परिचय सम्मलेन आयोजित करने में आयोजकों का अथक परिश्रम, बड़ा खर्च और व्यवस्था करने के बाद भी प्रत्याशियों का उपस्थित न हो पाना उद्धेश्य पूरा नहीं कर पाता|
इन सभी बातों को दृष्टि में रख हमने विचार किया है, की प्रति वर्ष या 6 माह में समस्त प्रविष्टियों का विवाह परिचय रूप में एक पुस्तक संस्करण भी प्रकाशित करें, इसमें समस्त वैवाहिक जानकारी फोटो सहित प्रकाशित हो सकेगी|
इस परिचय पत्रिका में औदीच्य ब्राह्मणों के विवाह प्रस्ताव विज्ञापन निशुल्क प्रकाशित किये जा सकेंगे| पत्रिका इच्छुक व्यक्तियों को लागत मूल्य + पोस्ट कोरियर व्यय के अग्रिम भुगतान पर प्रेषित की जा सकेगी|
इस विषय में आपके सुझाव आमंत्रित है| आप अपने सुझाव सोशल मिडिया पर टिप्पणी करके, लिखकर पोस्ट द्वारा, फोन से, या व्यक्तिगत भी प्रेषित कर सकते हें|
सुझाव हेतु निम्न बिंदु विचारणीय हैं_
क्या यह व्यवस्था समाज के धन/ समय आदि मान से लाभकारी होगी?
पत्रिका/पुस्तक वर्ष में कितनी बार प्रकाशित हो?
पत्रिका/ पुस्तक में में और क्या क्या विषय सम्मलित किये जा सकते हें?
क्या इसमें औदीच्य ब्राह्मणों के अतिरिक अन्य ब्राह्मणों की प्रविष्टि भी स्वीकार करना उचित होगा या नहीं?
आशा है आप अपनी बेबाक राय से हमको अवगत कराएँगे, ताकि समाज की इस सेवा को मूर्त रूप दिया जा सके|
धन्यवाद |
Ø डॉ मधु सूदन व्यास उज्जैन
एम् आई जी 4/1 प्रगति नगर उज्जैन 9425379102/ 0734-2519707
Ø उद्धव जोशी
ऍफ़ 5/20 एल आई जी, ऋषि नगर उज्जैन मप्र फोन- 9406860899/ 0734-2515677