मै और मेरे पिताजी

‎मै और मेरे पिताजी 

मै सोचता था 
जब

 5 साल का था तब
  मेरे पिता जी दुनिया के सबसे स्मार्ट और ताकतवर इंसान है|
10 साल की उम्र में
 मैंने महसूस किया की मेरे पिता जी हर चीज का ज्ञान रखनेवाले और बेहद समझदार भी है|
15 साल का हुवा
 तो महसूस करने लगा की मेरे दोस्तों के पापा तो मेरे पिताजी से जादा समझदार है
20 साल की उम्र में
 मेरी यह सोच बनी की मेरे पिता जी किसी और दुनिया के है और वह नए ज़माने के सांथ नहीं चल सकते
30 साल का हुवा तो
 महसूस किया की मुझे किसी भी काम के बारे में उनसे सलाह नहीं लेना चाहिए क्योकि उन्हें हर काम में नुख्स निकालने की आदत सी है
35 साल की उम्र मे
 मैंने महसूस किया की अब पिताजी को मेरे तरीके से चलने की समझ आ गई है ,इसलिए छोटी छोटी बातो पर सलाह ली जा सकती
 40 का हुवा
 तब  महसूस किया की कुछ जरुरी मामलो में पिताजी से सलाह लेना जरुरी है| 
50 साल की उम्र 
में मुझे लगा की पिताजी की सलाह के बिना कुछ नहीं करना चाहिए | 
और 
15 साल की उम्र के बाद की धारणाये गलत थी अब तक मेरे बच्चे बड़े हो चुके थे |
परन्तु अफ़सोस
 इससे पहले की मै अपने इस फैसले पर अमल कर पाता मेरे पिता  इसं दुनिया को अलविदा कह गए और मै उनकी हर सलाह व तजुर्बे से वंचित रह गया|

इन बातो को
बेटा समझता है बाप बनने के बाद 

बेटी समझती है माँ बनने

और 
बहु समझती है सास बनने के बाद

आप की क्या राय है

क्या कहती है मेरी सोच|