माँ मै गुडिया बनके आऊ,
क्या आने दोगे ?
सुने सुने तेरे आँगन को सजाऊ,
क्या सजाने दोगे?
पिता की दोलत से प्यार नहीं मुझे,
स्नेह की आस लगाऊ
क्या लगाने दोगे ?
कई बार बनाकर मिटाया है मुझे ,
जिन्दगी के रास्तो से हटाया है मुझे ,
इस बार एक सपना सजाऊ ,
क्या सजाने दोगे ?
पक्का जिद कब की है किसी बात के लिए ,
खिलोने भी नहीं चाहिए साथ के लिए ,
थकी हारी हो मै हाथ बटाऊ,
झासी हु मिट गई थी वतन के वास्ते ,
अहिल्या बनी थी अपनी माटी के रास्ते,
फिर देश के काम आऊ ,
क्या आने दोगे ?
माँ एक बार आने दो अपनी ,
साख को बचाने के लिए
क्या बचाने दोगे?
"Armanjal Sharma"
Ratlam
From Hema Vyas