यात्रा-सभी पाठको से आव्हान

यात्रा-सभी पाठको से आव्हान 


मनुष्य स्वभाव से ही खोजी और सामाजिक प्राणी रहा हे, और भारतीय इस बारे में एक विशिष्ट स्थान  रखता हे। हमारे चिंतको पूर्वजों ने इस प्रवति के माध्यम से "तीर्थ यात्रा" सिहस्था /कुम्भ आदि धार्मिक मेले आदि  के नाम से एक ऐसी व्यवस्था को जन्म दिया जिसने सारे विशाल भारत को जो की अलग-अलग भाषा,भोगोलिक स्तिथि,आचार-विचार, होने के बाद भी एक ही प्रतीत होता ही नहीं सदियों के वैदेशिक अत्याचार के बाद भी एक हे।   
पीडी दर पीडी से जन्मे इस यात्रा, भारत दर्शन ,तीर्थाटन,हम सबका एक जीवन का प्रमुख उद्देश्य बन गया हे।पूर्व काल में जब आवागमन के साधनों का आभाव था, तब से आज तक यह निरतर जारी हे। हर नया व्यक्ति समय,धन आदि की उचित व्यवस्था होते ही यह सब कर  लेना चाहता हे। इस सबके लिए वह पूर्व में यात्रा का चुके अन्य व्यक्तियों से इस संबध में जानकारी पाना चाहता हे,जेसे स्थान आवागमन साधन,निवास का स्थान (धर्मशाला,होटल आदि) उस स्थान पर अन्य दर्शनीय स्थान और उन्हें घुमने की साधन/व्यवस्था, किसी भी विशेष स्थान भ्रमण हेतु आवश्यक समय,आदि -आदि।
इस ब्लॉग और फेस बुक के माध्यम से में सभी पाठको का आव्हान करता हूँ की वे इस विषयक (मेरी मुंबई - यात्रा की सामान्य एवं सक्षिप्त जानकारी )अपने समस्त अनुभवों को लिख कर स्थानों के फोटो सहित प्रेषित करे(<e mail add-<audichyamp@gmail.com> ) जो उनके नाम से प्रकाशित किया जा सके , ताकि उसका लाभ अन्य सभी उठा सकें। अक्सर हम यह सोच लेते हें, की "इस स्थान" की जानकारी सभी को हे अत: देने जरुरत नहीं, पर मित्रो उन्हें इसकी जरुरत हे जो अभी प्लान कर रहे हे । आशा हे प्रबुद्ध पाठक इस विधि से अपनी रचना क्षमता का की अभिवृद्धि के साथ सभी का भला करने के इस काम में मदद के साथ तिर्थादी यात्रा कराने के पुण्य भी पा सकेंगे। 
इस प्रकार की कोई "समूह यात्रा" आयोजित करते हे, तो उसमें शामिल होने हेतु निशुक्ल विज्ञापन ( पूर्ण जानकारी सहित) भी प्रकाशित किया जा सकेगा।  ताकि इच्छुक समाज जन इसका लाभ  ले सके। 
डॉ मधु सूदन व्यास
 <e mail add-<audichyamp@gmail.com
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