कनाडा यात्रा -1 डॉ, ओ.पी. व्यास


१६/५/२०११ .
गुना निवासी डॉ ओ पी व्यास औदीच्य ब्राह्मण समाज के एक
प्रमुख व्यक्ति हें। वर्तमान में गुना औदीच्य संगठन के अध्यक्ष
भी हें ।1975 से आप समाज की समस्त गतिविधियों से जुड़े रहें
हें। आपके नेत्रत्व में गुना में कई सामाजिक गतिविधियां 'सामू-
हिक विवाह सम्मेलन "परिचय सम्मेलन वार्षिक उत्सव आदि
का आयोजन होता रहा हें। 1980 में सिद्धपुर गुजरात मे सम्पन्न
"सहस्त्राब्दी समारोह" मे मध्य प्रदेश के कई वरिष्ठ समाज जनो
के साथ अपने क्षेत्र का नेत्रत्व भी किया थ। इसी अवसर पर
औदीच्य बंधुओं के इतिहास को खण्ड- काव्य के रूप में लिख कर
अपनी साहित्य स्रजन शेली का परिचय भी दिया। इस विदेश
यात्रा का रोचक वर्णन पड़ने पर जेसे हम ही वहाँ देख रहे हों का
अनुभव होता हे।

कनाडा यात्रा
डॉ, ओ.पी. व्यास ब्राम्पटन ओंटारियो कनाडा ...
.
   परसों एक पंजाबी परिवार से मिलने गये थे।  यह चंडीगढ़ के हैं,  खुदका ट्रक है, कनाडा , अमेरिका दोनों जगह चलाते हैं, काफी साल से यहाँ रह रहे हैं। उनसे पारिवारिक सम्बन्ध हैं। अच्छा बड़ा मकान है। बेस मेंट सहित ३मन्जिला है, मकान की सजावट , सफाई बहुत अच्छी है। 
खास बात यह है , यहाँ नोकर चाकर नहीं हैं, सब काम अपने हाथ से ही करना पड़ता है। बहुत अच्छा लगा! 
  ...कल पास के शहर वाटरलू गये थे।  ब्राम्पटन से कार से मिसीसागा तक गये थे, मिसीसागा से वाटरलू बस से गया था, पहले किचनर शहर पड़ा था , पहले दोनों शहर किचनर वाटरलू ही बोले जाते थे । 
वाटरलू में बहुत बड़ी यूनिवर्सिटी है॰ लगभग पूरी दुनिया के बच्चे यहाँ पढ़ते हैं। सारी Faculties विभाग इस यूनिवर्सिटी में हैं। मीलों तक इस का एरिया फैला हुआ है।
  वहाँ डॉ .विनोद जी भारद्वाज जो गुना के हमारे पूर्व पड़ोसी हैं, के घर गया था।  उन्होने भारत से M B B .S /,M .S . ENT में,  किया था।  फिर हेलिफेक्स से ८ वर्ष और मेडिकल की पढाई की, F R .C S आदि किया। बहुत बड़ा कई मंजिल का पोलिक्लिनिक है, इस में लगभग १२ डॉक्टर हैं।  डॉ. विनोद जी ने यहाँ जो भारत का नाम रोशन किया हे।  अपनी आँखों से देख कर तबियत खुश हो गयी । 
      डॉ .विनोद जी का मकान बहुत बड़ा ३ मंजिल का है। अंदर बिलियर्ड आदि खेलने की भी सुविधा है. 
डॉ. विनोद जी के पड़ोसी एक भारतीय बंगाली थे।  वे यूनिवर्सिटी में प्रिंसिपल थे, आजकल लन्दन कनाडा की यूनिवेर्सिटी के प्रिंसिपल हैं।  भारतीय लोगों की इतनी तरक्की देख कर दिल को बहुत ख़ुशी होती है। 
     डॉ. विनोद जी काफी दूर कार से घुमाने ले गये, कुछ बहुत बड़ीं इमारतें उनने बतायीं, जो उन कम्पनियों की हैं, जो बच्चों को यहीं ट्रेनिंग देकर जॉब दे देतीं हैं। साथ ही हमने वे बड़ी बड़ी इमारतें भी देखीं,  जो भविष्य के क्वांटम कम्प्यूटरों के लिए थीं। 
वाटरलू बहुत ह्ऱा भरा है, इसकी जनसंख्या १लाख ३० हजार है । किचनर की आबादी १लाख ७० हजार है। 
   
    बस के सफर का कनाडा का अपना ही आनंद है। 

    करीब ५-६ घंटे के बाद वापिस मिसीसागा के लिए श्री डॉ. विनोद जी की यादगारें लेकर हम बस से लोटे।  आसमान में सुंदर इंद्र धनुष निकला हुआ था। यह Go बस थी, २५ No की बस को एक गोरी महिला चला रहीं थीं । वे ही मशीन से टिकिट दे रहीं थीं । मैंने Senior टिकिट ६ डॉलर ३० सेन्ट का लिया । 
    बस में आगे ही गेट होता है। वहीं से सवारियां आतीं हैं, बसों में ड्राईवर सीट बांयीं ओर होतीं हैं। सवारियों के लिए गेट दाहिने हाथ पर होता है, सवारियां आराम से धीरे धीरे आतीं हैं। कोई हल्ला गुल्ला ,धक्का धुक्की नहीं होती। एक ही व्यक्ति सारे काम करता है । वही ड्राईवर है, वही conductor होता है।  बस काफी बड़ी थी। सवारियां जहां से उतरतीं हैं, वहीँ बस में नीचे यात्रियों के सामान की जगह होती है । उसका कण्ट्रोल भी ड्राईवर के ही पास होता है । सीटें आराम दायक २-२ सीटों वाली बस ही यहाँ चलतीं हैं ।  सीटों के साइड में ही बस रोकने के लिए पीली स्टिप होती है। 
     बसें अपने सही समय से चलतीं हैं, कोई शोर नहीं होता । सब शांति से सफर करते हैं । कोई ओवर लोडिंग नहीं होती, गेट औटोमटिक ड्राईवर के कण्ट्रोल में होते हैं। सडकें कई लेन की हैं। सब अपने अपने लेन में ही चलते हैं। सडकों पर गति सीमित है , जिस सडक पर जो गति है, उससे ज्यादा चलने पर तगड़ा फाईन है, लाइसेंस केंसिल, अतः किसी की हिम्मत नहीं है, जो कानून तोड़े । 
       मिसीसागा का बस स्टेंड खूब सूरत है।  हम 1 घण्टा 10 मिनिट में मिसीसागा आ गये । मिसीसागा की बहु मंजिला इमारतें रात में बहुत खूब सूरत लग रहीं थीं।  हल्की बारिश और ठण्ड थी ।
चलतीं हुईं सीढियाँ हैं , ऑटोमेटिक खुलने वाले गेट हैं , सुंदर बाथरूम हैं। बाथरूम आदि का कोई चार्ज नहीं है। साफ सुथरे हैं, कोई स्वीपर आदि नहीं दिखे, कहीं ईंटों के टुकड़े नहीं थे । दीवारों पर कोई पान आदि की पीकें थूक के निशान नहीं थे । कहीं कोई कचरा नहीं था। 
बस स्टैंड पर , चारोँ तरफ काफी बेंचें थीं। लाइन से सब धीरे धीरे पर्याप्त दूरी रख कर टिकिट लेते हैं।  बहुत अच्छा लगा । रात को करीब ११ बजे कार से घर ब्राम्पटन आगये ॥ 
धन्यवाद । 
..डॉ. ओ. पी. व्यास //१६/५/२०११ //
क्रमश: 2  ---लिंक ----कनाडा यात्रा -2 - ओ.पी. व्यास-.सी एन टॉवर .टोरोंटो...: विश्व के सात आश्चर्यों मेँ एक -  सी॰ एन॰ टावर टोरेंटों कनाडा।  इस वीडियो के साथ आप भी इसका आनंद ले सकते हें।  
------------------------------------------------------------------------------------------------------------
इस साईट पर उपलब्ध लेखों में विचार के लिए लेखक/प्रस्तुतकर्ता स्वयं जिम्मेदार हे| इसका कोई भी प्रकाशन समाज हित में किया जा रहा हे|सभी समाज जनों से सुझाव/सहायता की अपेक्षा हे|