औदीच्य ब्राह्मण समाज एक बड़े क्षेत्र में फेला हुआ हे।समाज जन क्षेत्र के अनुसार भाषाएँ बोलने लगें हें। निमाडी भाषा भी पड़ने में तो हिन्दी ही हे,पर बोलने में थोड़ी अलग प्रतीत होती हे। निमाड क्षेत्र की यह पत्रिका इस क्षेत्र के समाज का प्रतिनिधित्व करती हे।
पत्रिका में समाज के समाचार गतिविधियां, वेवाहिक विज्ञापन, ओर समाज के लिए लेखो का प्रकाशन इसमें देखने मिलता हे।
संपादक जी के विशेष आग्रह पर यह डिजिटल पत्रिका प्रस्तुत हे।
संपादक
औदीच्य बंधु वेव।
इसका कोई भी प्रकाशन समाज हित में किया जा रहा हे|सभी समाज जनों से सुझाव/सहायता की अपेक्षा हे|