परिचय सम्‍मेलन परिवार के लिए 'कल्‍प वृक्ष' ।

   
मानवीय स्‍वभाव है, दूसरों से परिचय बढाना और अपना काम निकालना।   आज की भौतिकवादी संस्‍कति में कदम कदम पर परिचय से ही वास्‍ता पडता है। परिचय की एक अनमोल विशेषता है, कि वह समान विचारधारा वाले व्‍यक्तियों को तत्‍काल आपस में मिला देता है। यही परिचय धीरे धीरे रिश्‍तों में तब्‍दील हो जाता है। परिचय परिवार, समाज और इसके बाद राष्ट्रीय तथा अन्‍तर्राष्ट्रीय जगत में अपने पैर पसारता है। दैहिक, दैविक, भौतिक, आध्‍यात्मिक क्षेत्र बिना परिचय के जड़वत होते हैं।
    यह तो सांसारिक कार्य व्‍यवहार से परिचय का परिचय हो गया। अब परिचय के माध्‍यम से हम जीवन के उस क्षेत्र को छूते हैं, जहां कोमल भावनाऐं , वाणी को माध्‍यम न बनाकर नयन की भाषा में अपने प्‍यार का संकेत देती है। मन की विचार श्रंखला चेहरे पर अपनी चमक बिखेरकर उस उम्र का परिचय कराती है। युवा हृदय अपने लिए जीवन साथी के सपने संजोने लगते हैं, और माता पिता की चिन्‍ता! बेटी के पीले हाथ और बेटे को बहू का साथ कराने के लिए जमी आसमां एक कर देते हैं। 
     वर्तमान  में समय के साथ रिश्‍तेदारी में परिचय की कमी, जनसंख्‍या की विशालता, विशाल क्षेत्र, शैक्षणिक योग्‍यता का विकास, संपन्‍नता के लिए उच्‍च व्‍यवसाय, एकांगी जीवन से मोहब्‍बत, मध्‍यस्‍थों की विश्‍वसीनियता पर प्रश्‍न चिन्‍ह आदि कई ऐसी विपरीत परिस्थितियों निर्मित हो गई है, कि अब परिचय की परिभाषा ही बदल गई है। पालने में पाला पोसा बचपन, जब युवावस्‍था की देहलीज पर कदम रखता है, तो माता पिता के चेहरे पर चिंता परिलक्षित होने लगती है। युवा मन में हम उम्र के प्रति कोमल आकर्षण की टहनी प्रस्‍फुटित होकर अंगडाईयां लेने लगती है। परिचय और पहचान का यह संधिकाल युवावस्‍था के जीवन का वह नाजुक मोड है, जहां से वह अपनी जीवनधारा को स्‍वर्णिम प्रकाश की और ले जाता है या फिर अंधेरी खाई में गिर जाता है। माता पिता के लिए भी यह समय अग्नि परीक्षा का होता है। सही समय पर सही सलाह युवावस्‍था को निखार देती है। इसीलिए भारतीय परम्‍परा में विवाह संस्‍कार की व्‍यवस्‍था दी गई है।
              वर्तमान समय में युवा युवतियों का आकर्षण उच्‍च शिक्षा और गरिमामय नौकरी की और बढ रहा है। इसी कारण शासन व्‍दारा विवाह के लिए निर्धारित आयु को लांघ कर वे  उम्र  कई पडाव पार कर लेते है, किन्‍तु ईश्‍वर ने जो विधान की रचना की है, उसके अनुसार शारीरिक और मानसिक स्थिति युवा मन में जीवन साथी की आवश्‍यकता को स्‍वत महसूस करा देती है। इसीलिए जीवन साथी का चयन अब बच्‍चों की हां और उनकी पसन्‍द पर ही होने लगा है। पहले जो संबंध माता पिता या मध्‍यस्‍थ तय कर देते थे, वह समय विदा हो चुका है। अब तो लडकी को देखने का स्‍वरूप ही बदल चुका है। व्‍यक्तिगत रूप से लडकियों को देखने की जो परम्‍परा चल रही है, उसमें कई विक्रतियां भी उत्‍पन्‍न हो रही है। पिता को आर्थिक बोझ और लडकी को मानसिक प्रताडना सहन करना पड रही है। ऐसी अव्‍यावहारिक कठिनाईयों के कारण समाज व्‍दारा सामाजिक मंच से युवा युवतियों को  परिचय के माध्‍यम से जीवन साथी चयन करने तक की सारी व्‍यावहारिक व्‍यवस्‍था दी गई है।
  1.  परिचय सम्‍मेलन के माध्‍यम से एक मंच पर, एक साथ माता पिता सगे संबंधियों के साथ युवा और युवति उपयुक्‍त जीवन साथी का चयन करने के लिऐ स्‍वतन्‍त्र और निश्चिन्‍त रहते है। सबको देखने परखने और चर्चा करने के लिए पर्याप्‍त समय दिया जाता है ।
  2. परिचय सम्‍मेलन में अपरिहार्य कारणों से युवक युवति उपस्थित नहीं हो सके तो वे परिचय पुस्तिक जो संबंध बनाने का एक विश्‍वसनीय साधन और माध्‍यम है के व्‍दारा योग्‍य परिवारों से संम्‍पर्क कर सकते हैं।
  3. कई परिवार परिचय सम्‍मेलन की सूचना के अभाव में या अन्‍य कारणों से उपस्थित नहीं हो सकते हैं वे भी परिचय पुस्तिका पाप्‍त कर बेटे बेटियों के लिए अच्‍छा रिश्‍ता तय कर सकते हैं।
  4. परिचय सम्‍मेलन का यह आयोजन उन सक्रिय और विचारवान युवा-युवतियों के लिऐ हो रहा है, जो अपने माता पिता की चिन्‍ता से भली-भांति परिचित होकर सामाजिक मंच के माध्‍यम से अपने क्रान्तिकारी विचारों के व्‍दारा अन्‍य युवा युवतियों में प्रेरणा जाग्रत कर अपने लिऐ योग्‍य जीवन साथी का चयन करते हैं।
  5. परिचय सम्‍मेलन, आपके साथ आपके बच्‍चों को समाज के कई परिवारों से मिल कर परिचय बढाने का अमूल्‍य अवसर प्रदान करता है, जिसके व्‍दारा भविष्‍य में आने वाली कई समस्‍याओं का समाधान हो सकता है।
  6. परिचय सम्‍मेलन आपको आर्थिक और मानसिक चिन्‍ता के बोझ से भी मुक्ति दिलाता है।


                       परिचय सम्‍मेलन में प्राफिट का ग्राफ उच्‍चस्‍तर का है। इसके माध्‍यम से आपके सम्‍पर्क का क्षेत्र तो विस्‍त्रत होगा ही, बच्‍चों के जीवन साथी चयन करने के भी अनेक अवसर मिलेगें उनका लाभ लेकर आप चयनित परिवार को अपने घर बुलाकर सारी जानकारी लेने के बाद रिश्‍ता तय करें।
                    आओ अपने बच्‍चों के लिए अनमोल जीवन साथी का चयन सामाजिक मंच पर आयोजित  परिचय सम्‍मेलन के माध्‍यम से कर आर्थिक और मानसिक पेरशानी से बचें। विशेषकर युवा युवतियों से निवेदन है कि परिवार से समाज बडा होता है और वह अपनी जिम्‍मेदारी का अहसास करते हुए जीवन साथी चयन की व्‍यवस्‍था दे रहा है, इसका लाभ अवश्‍य उठावें। 
दिसंबर 2013 में उज्जैन में अगला परिचय सम्मेलन सभावित है। 
जय गोविन्‍द माधव।
                                                         उद्धव जोशी  

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इसका प्रकाशन समाज हित में किया जा रहा है,सभी बंधुओं से सुझाव/सहायता की अपेक्षा है।