औदीच्य समाज की विभूतियाँ- अंग्रेजों के जेलर-
विस्मिल जी सहित सभी क्रांतिकारियों के लिखे गीत, कवितायें, लेख आदि, उनके कारण ही नियम विरुद्ध बाहर पहुँच कर प्रकाशित हो सकीं थीं, जिससे आजादी की लड़ाई के लिए जनता को नई दिशा दी।
विस्मिल जी सहित सभी क्रांतिकारियों के लिखे गीत, कवितायें, लेख आदि, उनके कारण ही नियम विरुद्ध बाहर पहुँच कर प्रकाशित हो सकीं थीं, जिससे आजादी की लड़ाई के लिए जनता को नई दिशा दी।
श्री तिवारी ने न सिर्फ बिस्मिल को अन्य स्वतन्त्रता सेनानियों को भी जेल में घर जैसा वातावरण सुलभ कराया। श्री तिवारी की धर्मपत्नी स्वयं अपने हाथों से ऐसे सेनानियों को मन पसन्द भोजन बना कर भिजवाती रही।
तत्कालीन कांग्रेसी नेता श्री चन्द्रभानु गुप्त इन्हीं कारणों से श्री तिवारी के अभिन्न रहे। आलम यह कि अंग्रेज सरकार भी उनकी प्रशासनिक क्षमता और कार्य कुशलता की इतनी कायल रही कि उन्हें रायबहादूर के खिताब से नवाजा। पूरा लेख पड़ें============ रायबहादुर पण्डित चम्पालाल तिवारी।: