- सफलता का सूत्र ; आस्था और अनुशासन ।
- सामाजिक जीवन याने संबंधों का जीवन ।
- चार बातों का विकास करिए शरीर बल, चरित्र बल,मनोबल और बुध्दि बल ।
- चेतना के सूत्र प्रामाणिक व्यवहार, म्रदु व्यवहार,निश्चल व्यवहार,निष्पक्ष व्यवहार,विनम्र व्यवहार।
- धर्म का अर्थ राग व्देष मुक्त जीवन जीना।
- स्थान परिवर्तन से कुछ नहीं होता। स्वभाव और वाणी को बदलने से ही सम्मान मिल सकता है।
- विधायक भावों का जितना अधिक विकास होगा,उतना ही संवेदनशीलता का सूत्र आगे बढेगा।
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