"श्रीस्थल प्रकाश" का हिन्दी अनुवाद (भाषांतर)।

    सहस्र औदीच्य ब्राह्मण के सिद्धपुर पहुचने की गाथा जो की सदियों पूर्व
संस्कृत लिखित ग्रंथ "श्रीस्थल प्रकाश" का हिन्दी अनुवाद (भाषांतर) है। सभी एक सहस्र से अधिक उदीच्य ब्राह्मणो के गोत्र/प्रवर/कुलदेवी/आदि की जानकारी के साथ उनको मूलराज द्वारा प्रदत्त ग्राम भूमि आदि की जानकारी।
  साथ ही इसमें सम्मलित है, हिन्दी में वर्तमान तक की औदीच्य ब्राह्मण समाज के दुरस्थ स्थानो तक प्रवास/निवास की संक्षिप्त कहानी । 
   यह पुस्तक अखिल भारतीय औदीच्य महासभा के सदस्यों को लगभग आधे मूल्य पर (वास्तविक खर्च मूल्य) पर उपलब्ध होगी। 
    विमोचन स्थल- महामालव औदीच्य समाज मांगलिक परिसर चिंतामण गणेश रोड उज्जैन। 
विमोचन दिनांक-05/जनवरी 2014 
विमोचन पश्चात 
प्राप्त करने हेतु संपर्क फोन- 0734-2519707 / 0734- 2514343    
========================================================================
समाज हित में प्रकाशित। आपको कोई जानकारी पसंद आती है, ऑर आप उसे अपने मित्रो को शेयर करना/ बताना चाहते है, तो आप फेस-बुक/ ट्विटर/ई मेल आदि, जिनके आइकान नीचे बने हें को क्लिक कर शेयर कर दें।