श्रीस्थल प्रकाश” हिन्दी भाषान्तरित ग्रंथ का विमोचन एवं सम्मान समारोह
सम्पन्न ।
उज्जैन, 05/01/214
अ॰ भा॰ औदीच्य महासभा म. प्र. इकाई द्वारा एक भव्य
ओर दिव्य आयोजन में सहस्र औदीच्यों के शताब्दियों पूर्व रचित ग्रंथ के संस्कृत
[बाद में गुजराती] से हिन्दी में भाषांतरित पावन ग्रंथ का लोकार्पण किया गया।
महामालव औदीच्य समाज मांगलिक परिसर के विशाल प्रांगण में,
सैकड़ों औदीच्य बंधुओं के समक्ष, भानपुरा पीठ के शंकरचार्य
श्री दिव्यानन्द जी के आशीर्वाद के मध्य, महासभा के
राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री रघुनन्दन जी शर्मा उपाध्यक्ष श्री उदय सिंग जी पण्ड्या
संगठन सचिव
भगवान सिंग शर्मा, महाराष्ट्र प्रदेश के अध्यक्ष श्री मोहन भाई दवे, पूर्व विधायक श्री महावीर प्रसाद जी वशिष्ठ, शिवनारायन जागीरदार, पूर्व आयुक्त श्री हीरलाल जी त्रिवेदी, विधायक श्री मुकेश पण्ड्या, सम्मानित विभूती श्री मोहन लाल जी जोशी, श्री सत्यनारायन जी त्रिवेदी, औदीच्य बंधु के संपादक श्री औम ठाकर, श्री धर्मेन्द्र रावल, सिद्धपुर गुजरात अध्यक्ष अविनाश भाई ठाकर, अध्यक्ष श्री चेतन भाई पाध्या, महिला महासभा अध्यक्ष श्रीमती संतोष शर्मा, एवं वांसवाड़ा राजस्थान के आचार्य पं जवाहर लाल रावल, साध्वी सुश्री हेमलता जी, मप्र इकाई के अध्यक्ष श्री प्रकाश दुबे, जी आदि द्वारा इस पावन ग्रंथ को औदीच्य जन को समर्पित किया।
भगवान सिंग शर्मा, महाराष्ट्र प्रदेश के अध्यक्ष श्री मोहन भाई दवे, पूर्व विधायक श्री महावीर प्रसाद जी वशिष्ठ, शिवनारायन जागीरदार, पूर्व आयुक्त श्री हीरलाल जी त्रिवेदी, विधायक श्री मुकेश पण्ड्या, सम्मानित विभूती श्री मोहन लाल जी जोशी, श्री सत्यनारायन जी त्रिवेदी, औदीच्य बंधु के संपादक श्री औम ठाकर, श्री धर्मेन्द्र रावल, सिद्धपुर गुजरात अध्यक्ष अविनाश भाई ठाकर, अध्यक्ष श्री चेतन भाई पाध्या, महिला महासभा अध्यक्ष श्रीमती संतोष शर्मा, एवं वांसवाड़ा राजस्थान के आचार्य पं जवाहर लाल रावल, साध्वी सुश्री हेमलता जी, मप्र इकाई के अध्यक्ष श्री प्रकाश दुबे, जी आदि द्वारा इस पावन ग्रंथ को औदीच्य जन को समर्पित किया।
दीप प्रज्वलन व भगवान गोविंद माधव के पूजन के
पश्चात, अतिथिगणों का पुष्पमाला से स्वागत किया गया। प्रसिद्ध संगीतज्ञ श्री
उमाशंकर भट्ट, ओर शेलेन्द्र भट्ट, के
निर्देशन में, संगीत मंडली ने “गोविंद माधव जयते” भक्ति गीत, ओर “हम औदीच्य संतान हें,” गाकर मंत्र मुग्ध कर
दिया। इसके पश्चात अ भा औदीच्य महासभा मप्र के उपाध्यक्ष डॉ मधुसूदन व्यास ने
स्वागत भाषण दिया। तत्पश्चात संगीतज्ञों ने श्रीस्थल प्रकाश वर्णित श्रीस्थल महिमा
के श्लोक की ओजस्वी प्रस्तुति दी, इसमें खचाखच भरा समस्त
प्रांगण, आर्ल्हादित ओर रोमांचित हो उठा। इसी एकाग्र विभोर
वातावरण की प्रष्ठभूमि में ग्रंथ के सयोंजक, प्रधान संपादक, ओर प्रकाशक, प्रदेशाध्यक्ष श्री प्रकाश जी दुबे
औदीच्य समाज की गत सहस्र वर्षों की प्रमुख घटनाओं के साथ औदीच्यो के संघर्षमय जीवन
का चित्रण प्रस्तुत किया, व समाज सेवी संस्था उदीच्य हितेछु
समीती, अ भा औदीच्य समाज एवं औदीच्य महासभा, के संगठन क्षमता के पुरोधा वर्तमान अध्यक्ष श्री रघुनंदन जी शर्मा के कार्यकाल
की उपलब्धियों महासभा के विकेन्द्रीयकरण, सदस्यता अभियान, गुजरात मालवा के पुनर्मिलाप ओर हिन्दी भाषी औदीच्य जन के लिये श्रीस्थल
प्रकाश के हिन्दी भाषांतर ग्रंथ का विवेचन किया। साथ ही श्रीस्थल प्रकाश की
आवश्यकता ओर महत्व को प्रतिपादित कराते हुए, ग्रंथ की
विस्तृत जानकारी दी। आपने प्रकाशन हेतु आर्थिक सहयोग देने वाले उदार दान दाताओं ओर
भाषांतर कर्ता विद्वत जनों ओर सम्पादन सहयोगी डॉ मधुसूदन व्यास श्री उद्धव जोशी, ओर सोहन पण्ड्या के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की। इस के पश्चात श्री सोहन
जी भट्ट के वेद मंत्र ओर संगीतज्ञों के वादध्य ध्वनि व पुष्प वर्षा के बीच ग्रंथ
पूजन व अतिथिगणों द्वारा पावन विमोचन पर
सम्पूर्ण परिसर आनंद पूर्ण तालियों की गूंज से झूम उठा।
सदपात्रों का सम्मान
श्रीस्थल प्रकाश ग्रंथ विमोचन उपरांत
संस्कृत से हिन्दी भाषांतर कर्ता डॉ श्रीमती कल्पना व्यास गुजरती से हिन्दी
भाषांतर कर्ता श्याम सुंदर भट्ट ओर नवीन भाई आचार्य, का शाल श्रीफल द्वारा
सम्मान किया गया। सम्मान की इसी कड़ी में आर्थिक सहयोग दाताओं सर्व श्री महावीर
प्रसाद वशिष्ठ, श्री चन्द्रशेखर वशिष्ठ, डॉ प्रदीप पण्ड्या, श्री आनंदी लाल शर्मा, श्री सत्यनारायण पटेल (त्रिवेदी) आदि का शाल श्रीफल से सम्मान किया। मप्र
के नव चयनित औदीच्य विधायक श्री मुकेश पण्ड्या बड्नगर, ओर
श्री गोवर्धन जी उपाध्याय की अनुपस्थिति में उनके सुपुत्र श्री डॉ सुरेन्द्र
उपाध्याय जी ने उनका सम्मान स्वीकार किया। श्री राजेन्द्र जी पांडे ओर श्री
उपाध्याय जी अपरिहार्य कारण वश उपस्थित नहीं हो सके।
महामालव औदीच्य मांगलिक परिसर के विशाल भव्य
प्रांगण के अल्पावधि में निर्माण करने के लिये एवं कार्यक्रमों आर्थिक योगदान करने
के लिये अध्यक्ष श्री मोहन लाल जी जोशी व महासभा के सदस्यता अभियान में सर्वाधिक
सदस्य बनाने तथा गुजरात-मालवा एकता में महत्व पूर्ण भूमिका निर्वाह करने हेतु,
महासभा उज्जैन ग्रामीण के अध्यक्ष श्री सत्यंनारायण जी त्रिवेदी का शाल श्रीफल ओर
अभिनंदन पत्र देकर गरिमामय सम्मान किया गया।
समस्त ब्राह्मणो के लिए समर्पित नवीन मासिक पत्रिका ''परशुराम दर्पण'' जिसके सम्पादक अक्षय व्यास एवं प्रबन्ध सम्पादक श्री सत्यनारायण पाण्डे हें, को भी इस अवसर पर सर्व ब्राह्मण समाज को समर्पित किया गया।
विमोचन के इस स्वर्णिम बेला पर में श्री हीरालाल जी त्रिवेदी पूर्व आयुक्त राजस्व ने अपने कविता संग्रह '' बचपन से पचपन'' समाज के जिज्ञासुओं को वितरित की।
कार्यक्रम के
दौरान 15 वे परिचय सम्मेलन
के कार्य को सफलता पूर्वक निर्वहन
के लिए, युवा अध्यक्ष श्री श्याम मेहता एवं महिला मण्डल
की श्रीमती श्लेषा व्यास को भी सम्मानित भी
किया गया।
शंकराचार्य जी श्री
दिव्यानंद जी का अनायास आगमन।
इस आयोजन की भाग्य रेखा प्रबल होने के कारण एक सुखद संयोग बना
भानपुरा के शंकराचार्य जी श्री दिव्यानंद जी के आगमन का। इस
अवसर श्री रघुनंदन जी
शर्मा एवं श्री भगवानसिंह जी शर्मा के प्रयासों से, आपके अनायास आगमन ओर आशीर्वचन
ओर आशीर्वाद ने सभी को अभिभूत कर दिया।
डॉ रवि ठक्कर के
कुशल संचालन से कसे, इस आयोजन में
आदि से अंत तक, श्री सुरेशचन्द्र जी उपाध्याय, सुभाष् पण्डया, पार्षद श्रीमती ऋतुबाला व्यास, प्रेमशंकर जी पण्डया, ओमप्रकाश पण्डया, वृन्दावन व्यास, प्रमोद जोशी, राजेन्द्र शर्मा, शरद त्रिवेदी, कमल उपाध्याय, वासुदेव रावल, हरिसिंह पण्डया, उमेश जोशी, अरूण उपाध्याय, प्रकाश जोशी, धीरेन्द्र मोहन जोशी, निखिलेश जोशी, उल्लहास ठक्कर, श्याम व्यास, प्रकाश पाण्डे, आदि की उपस्थिती ओर सहयोग के साथ, युवा इकाई एवं महिला इकाई का विशेष भूमिका
रही।
महासभा के इस कार्यक्रम
में उज्जैन से श्री सुखदेव प्रसाद जी ठाकुर,श्री
रामेश्वर जी पण्ड्या, खरगोन से
औदीच्या दर्पण के संपादक श्री दीपक शर्मा,
देवास से “औदीच्य समाज” के संपादक श्री जगदीश शर्मा, सहित इन्दौर, भोपाल, विदिशा, शाजापुर, रतलाम, उज्जैन आदि कई जिलों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
अंत में श्री राजेन्द्र शर्मा व्दारा आभार व्यक्त
करने के पश्चात,
सहभोज हुआ जिसकी
सारी जिम्मेदारी एवं व्यवस्था परंपरागत संचालक श्री शरद जी त्रिवेदी के पास थी, जिन्होने समाज जनों के समय और स्वाद का विशेष
ध्यान रखा।
प्रस्तुत कर्ता- डॉ मधु
सुदन व्यास, उद्धव जोशी ॰
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समाज हित में प्रकाशित।
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